अमेरिका में इन दिनों हवाना सिंड्रोम का खौफ छाया हुआ है। यहां पर 100 सीआईए अफसर और उनके परिवार के लोग हवाना सिंड्रोम से ग्रस्त बताए जा रहे हैं। अमेरिका में कुल करीब 200 लोग इस रहस्यमय बीमारी की चपेट में बताए जा रहे हैं। सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने गुरुवार को कहाकि इस बीमारी से ग्रस्त लोग सिरदर्द और थकान से जूझ रहे हैं।
इसलिए कहते हैं हवाना सिंड्रोम
साल 2016 में क्यूबा स्थित अमेरिकन एंबेसी में अधिकारियों को इस बीमारी का पता चला था। तभी इसे इस बीमारी का नाम हवाना सिंड्रोम रख दिया गया है। इस बीमारी के शिकार लोगों को थकान, सिरदर्द और याद्दाश्त खो जाने की शिकायत रहती है। ऐसी रिपोर्टें भी आई हैं कि क्यूबा, चीन, रूस और कुछ अन्य देशों में तैनात अमेरिकी राजनयिकों और इंटेलीजेंस अधिकारियों का इस बीमारी के चलते मस्तिष्क भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। सीआईए निदेशक बर्न्स ने कहाकि उनके लोग पूरी कोशिश में लगे हैं कि इस बीमारी की वजहों का पता किया जा सके। साथ ही एक अन्य अधिकारी, जो ओसामा बिन लादेन को ढूंढने के मिशन पर लगाया गया था, उसे भी बीमारी के रहस्यों का पता करने के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहाकि इस बीमारी का हल ढूंढने में लगी मेडिकल टीम का आकार भी तीनगुना कर दिया गया है।
रूस का हाथ होने की आशंका
जो बर्न्स ने इस बीमारी के पीछे रूस का हाथ होने की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहाकि अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के पैनल ने बीते दिसंबर में इस बीमारी पर खोज की थी। इस दौरान उन्होंने इसके पीछे किसी निर्देशित ऊर्जा के होने का पता लगाया था। उन्होंने कहाकि इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि यह बीमारी जानबूझकर पैदा की गई है। इस बीच बर्न्स ने कहाकि एक बेहतर टीम लीडर का काम है कि वह अपनी टीम की पूरी तरह से रक्षा करे और मैं भी ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।