मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के आरोपों में कड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को 13 अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए। इनमें तीन कोषाधिकारी व 10 तहसीलदार शामिल हैं। इसके अलावा किसानों को बीमा योजना का लाभ देने वाली बीमा कंपनी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।
शासन ने पिछले दिनों 27 जिलों के 46 उप कोषागारों को बंद करने का फैसला किया था। इस फैसले के बाद उप कोषागारों के रिकार्ड की मिलना कराई गई। दातागंज उप कोषागार के रिकार्ड और स्टांप की मिलान में 5 करोड़ का गबन सामने आया। इस मामले की विस्तृत जांच चल रही थी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने पांच करोड़ रुपये गबन की अवधि में बदायूं कोषागार में कार्यरत रहे तीन वरिष्ठ कोषाधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए।
इसके अलावा इस अवधि में तैनात रहे तहसीलदार स्तर के 10 अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ बदायूं कोषागार में स्टांप मैनुअल का पालन न करने व कार्य में शिथिलता के आरोप में कार्रवाई की गई है।
बाराबंकी में किसान का बीमा क्लेम लटकाने पर जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को क्लेम न दिए जाने की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री के पास शिकायत पहुंची थी कि मुख्यमंत्री सर्वहित किसान बीमा योजना का क्लेम देने में बीमा कंपनी आनाकानी कर रही है। इससे वहां बड़ी संख्या में किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए बीमा कंपनी के विरुद्ध जांच का आदेश दे दिया है।
अधूरे काम पूरा करने में तेजी लाने की पहल, वित्तीय स्वीकृतियों को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने अधूरे कार्यों को तेजी से पूरे कर जनोपयोगी बनाने के लिए कई परियोजनाओं के लिए धनराशि जारी करने के आदेश दिए हैं। कासगंज के अलीपुर बड़वारा व सहसवान बदायूं के मध्य गंगा नदी पर पुल के पहुंच मार्ग व सुरक्षात्मक कार्य निर्माण के लिए 174.97 करोड़ रुपये जारी होंगे।
इससे वहां के लोगों को आवगमन में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा बस्ती कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य के लिए एस्टीमेट की पूरी रकम 16 करोड़ रुपये की प्रशासकीय व वित्तीय अनुमोदन देते हुए जारी करने केआदेश दे दिए हैं।