यूपी रोडवेज बसों के एमएसटी घोटाले में छह अफसर फंसे, दर्ज होगी एफआईआर

यूपी रोडवेज के आधा दर्जन अधिकारियों को सतर्कता विभाग के जांच में दोषी ठहराया गया है। जिसमें चार अधिकारी और दो कर्मचारी स्तर के लोग शामिल पाए गए हैं। इन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने समेत विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की गई हैं। करीब तीन साल पहले रोडवेज बसों के एमएसटी में लाखों रुपये के गबन मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है। अब इस मामले में शासन ने कार्रवाई के लिए परिवहन निगम के एमडी को दिशा निर्देश दिया है। 

चार एआरएम, एक लेखाकर व वरिष्ठ केंद्र प्रभारी दोषी पाए गए  
अयोध्या क्षेत्र के तत्कालीन एआरएम अविनाश चंद्रा व राकेश मोहन पांडेय के विरूद्ध धारा 409, 420, 120 बी के मामले में कार्यवाही की अनुमति दी है। इसी प्रकार, एआरएम सुशील कुमार श्रीवास्तव व दीपेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अपेक्षा की गई है। सतर्कता विभाग ने उन्नाव के तत्कालीन लेखाकार सूर्यभान शुक्ला व वरिष्ठ केंद्र प्रभारी पंकज कुमार तिवारी पर मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई की संस्तुति की है।

ऑडिट नहीं होने से हुआ घोटाला
सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट में वर्ष 2012 से मुख्यालय स्तर से ऑडिट नहीं हुआ। इसी वजह से यह एमएसटी घोटाला हुआ। वहीं अयोध्या क्षेत्र के अधिकारियों ने एमएसटी के पैसों की निगरानी में लापरवाही बरतने की बात भी सामने आई है।

इन शहरों में हुआ था घोटाला
अयोध्या क्षेत्र में 43 लाख 80 हजार रुपए
उन्नाव में 5 लाख 11 हजार रुपए
फतेहपुर में 5 लाख 61 हजार रुपए
 
एमएसटी प्रकरण गंभीर है। जांच रिपोर्ट शासन में आ गई है। उन्हीं के स्तर पर कार्रवाई करने की अपेक्षा की गई। ऐसे में जो दिशा निर्देश मिलेंगे कार्रवाई होगी।  

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