मुरैना जिले में कच्ची व जहरीली शराब का कारोबार ऐसी-ऐसी जगह चल रहा है, जहां पहुंचने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। नूराबाद पुलिस ने बीहड़ में ऐसी जगह कच्ची शराब की भट्टी पकड़ी है, जहां पहुंचने के लिए दो घंटे तक तो पैदल चलना पड़ा। पुलिस ने बीहड़ों के बीच 6 ड्रम कच्ची शराब से लेकर भट्टी पर बनती हुई एक ड्रम शराब जब्त की है, लेकिन एक भी आरोपित पुलिस के हाथ नहीं लगा। शुक्रवार की दोपहर नूराबाद पुलिस को नाऊपुरा के बीहड़ों में भारी पैमाने पर अवैध शराब बनने की खबर मिली। सूचना के बाद एक विशेष टीम कार्रवाई के लिए भेजी गई। नाऊपुरा से दूर सांक नदी किनारे जिन बीहड़ों में कच्ची शराब भट्टी की लोकेशन मिली थी वहां पहुंचने का रास्ता भी नहीं था। यहां पुलिस का चार पहिया वाहन तो क्या बाइक भी नहीं पहुंच पाती। ऐसे में थाना प्रभारी शैलेन्द्र गोविल अपनी टीम के साथ दो घंटे तक पैदल चलकर मौके पर पहुंचे, जहां नदी किनारे पानी के पास और हरियाली के बीच बीहड़ों में भट्टी जल रही थी जिस पर एक ड्रम शराब बन रही थी। पास में ही छह ड्रमों में बनी हुई कच्ची शराब भरी थी। इन 6 ड्रमों में 1000 लीटर से ज्यादा कच्ची शराब है, जिसकी कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा आंकी गई है|
भरकों में भरे पानी से बनाते थे शराब
पकड़ी गई शराब भट्टी पर गुड़, पीओ और अन्य सामग्री से कच्ची शराब बनाई जाती थी। शराब के लिए जो पानी उपयोग होता था वह भी पीने लायक नहीं है। पानी की मोटर से नदी किनारे के भरकों (पानी के छोटे गड्ढों) से पानी खींचा जाता था जिसे ड्रमों में भरकर उससे कच्ची शराब तैयार होती थी। यह शराब आसपास के गांवों में खपाई जाती थी। बीहड़ इतने दूर-दूर फैले हैं कि यहां कोई आता है तो दूर से ही दिखाई दे जाता है। कच्ची शराब बनाने वाले माफियाओं ने पुलिस को भी दूर से देख लिया, इसलिए बीहड़ों में ही भागकर निकल गए। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने नाऊपुरा के नरेश गुर्जर व सूरजभान गुर्जर पर अवैध शराब बनाने, बेचने की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
कच्ची शराब की यह भट्टी कितने समय से चल रही थी, इसका पता आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ही चलेगा। यहां बड़े पैमाने पर शराब बनती थी जो आसपास के क्षेत्रों में बेची जाती थी। दो आरोपितों पर नामजद मामला दर्ज किया है, उनकी तलाश कर रहे हैं।