अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान अफगान सुरक्षा बलों पर भारी पड़ रहे हैं। कंधार के अपने पूर्व गढ़ के साथ ही तालिबान ने एक तिहाई जिलों पर कब्जा करने का दावा किया है। अधिकारियों का हवाला देते हुए, जियो न्यूज ने बताया कि अफगान बलों के साथ देर रात भर भीषण भिडंत के बाद, तालिबान ने पंजवाई जिले पर कब्जा कर लिया। बता दें कि अमेरिकी सेना के हटने के बाद मई की शुरुआत से ही तालिबान ने अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और नाटो बलों द्वारा काबुल के पास अपने मुख्य बगराम एयर बेस को खाली करने के दो दिन बाद ही पंजवाई जिले में कब्जा कर लिया गया था। ये वहीं जिला है जहां से अमेरिका और नाटो ने तालिबान और उनके अल-कायदा सहयोगियों के खिलाफ दो दशकों तक अभियान चलाया।
‘बिना लड़ाई, आसानी से किया कब्जा’
तालिबान का दावा है कि उसने 421 जिलों में से तिहाई जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। इसके प्रांतीय परिषद के सदस्य मोहिब उल रहमान ने कहा है कि उत्तर पूर्व के बदख्शान के कई जिलों को सुरक्षा बलों ने बिना संघर्ष के ही छोड़ दिया। पिछले तीन दिनों में दस जिले ऐसे ही तालिबान ने हासिल किए हैं। तालिबान के प्रवक्ता ने बिना लड़ाई के जिलों को हासिल करने की पुष्टि की है।
कब्जा लेते ही नया कानून
इधर, खबर है कि तालिबान ने इलाकों में कब्जा लेते ही नए कानून भी लागू करना शुरू कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि कोई भी महिला घर के बाहर अकेले नहीं निकल सकती है। इसके अलावा मर्दों के लिए दाढ़ी बढ़ाना जरूरी कर दिया गया है।
भागकर ताजिकिस्तान पहुंचे 300 अफगान सैनिक
उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान निरंतर बढ़त बना रहा हैं और हर रोज कई जिले उसके कब्जे में आ रहे हैं। यहां तालिबान के खदेड़े जाने के बाद सुरक्षा बल के तीन सौ सैनिक अपने देश की सीमा पार कर ताजिकिस्तान में पहुंच गए। ताजिकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा की राज्य समिति ने तीन सौ अफगान सैनिकों के आने की पुष्टि की है। समिति ने कहा है बदख्शान प्रांत से लगी सीमा से ये सैनिक आए हैं। मानवीयता के कारण इन्हें यहां प्रवेश की अनुमति दे दी गई। अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सेना वापसी की घोषणा के बाद से पूरे अफगानिस्तान में तालिबान निरंतर बढ़त बना रहे हैं। देश के उत्तरी क्षेत्र में उनका तेजी से प्रभाव बढ़ रहा है।
काबुल के उत्तर में बगराम एयर बेस से विदेशी सैनिकों के बाहर निकलने से यह चिंता बढ़ गई है कि तालिबान नए क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए अपने अभियान को अभी और तेज करेगा। बगराम एयर बेस बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले यहां विदेशी सेनाएं तैनात थीं और उन्होंने तालिबान के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण हवाई समर्थन की पेशकश की थी।