चीन ने अपने बहुअपेक्षित चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को अफगानिस्तान तक बढ़ाने का फैसला किया है। यदि यह सफल हो जाता है तो चीन खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के रूप में दिखाने में सफल हो पाएगा। इसके अलावा, कई विशेषज्ञों का मानना है कि वो भारत और अमेरिका पर दबाव बनाने में भी काफी हद तक सफल हो पाएगा। इस रूट को बढ़ाने का कारण स्पष्ट है। चीन पाकिस्तानी सेना पर दबाव बनाकर उसको और तालिबानी आतंकियों को दूर करना चाहता है। चीन अपने इलाकों और इस रूट के क्षेत्रों में बढ़ रहे अलगाव से चिंतित है।
अफगानी वित्त मंत्री एकलिल हाकिमी ने कहा कि ‘वन बेल्ट, वन रोड’ (ओबोर) प्रोग्राम से यातायात और एनर्जी सेक्टर को काफी फायदा होगा। संभव है कि चीन भारत को भी इसी तरह का एक लुभाना ऑफर दे, मगर चीन के इरादों से वाकिफ भारत इस तरह के ऑफर से दूर ही रहे।
साथ ही भारत को इस बात से भी ऐतराज है कि CPEC का मार्ग पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। हालांकि, तमाम प्लानिंग के बावजूद चीन के सामने इस खतरनाक रास्ते पर सुरक्षा मुहैया कराने की चुनौती है। साथ ही, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सरकार को साथ लाना भी चीन के लिए आसान नहीं होगा।