जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में विपक्ष की करारी हार के बाद ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी पुरानी कहानी दोहराई गई। भाजपा की ताकत के सामने विपक्ष ने फिर हथियार डाल दिये। छह ब्लाक में तो विपक्ष की ओर से कोई प्रत्याशी ही मैदान में नहीं आया। नतीजा भाजपा ने धमाकेदार जीत दर्ज कर ली। पहली बार भाजपा ने ब्लाक प्रमुख के चुनाव में 12 में से छह पदों पर निर्विरोध जीत दर्ज की।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने विपक्ष को करारा झटका दिया था। विपक्ष की प्रत्याशी सलोनी गुर्जर का नामांकन अनुमोदक के मुकरने के कारण निरस्त हो गया था। भाजपा के गौरव चौधरी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये। सपा नेताओं पर लगे आरोप अब तक जांच में ही हैं। अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी विपक्ष की गतिविधियां नजर नहीं आईं। वहीं, दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर भाजपा प्रारंभ से ही गंभीर नजर आई। बसपा ने तो पहले ही इन चुनावों से किनारा कर लिया है। रालोद भी बहुत गंभीर नहीं दिखा। इन सभी परिस्थितियों का लाभ भाजपा को मिला। 12 में से छह सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर धमाका कर दिया। विपक्ष के नेता अब आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं।
विपक्ष के पास कुछ बचा ही नहीं
अनुज राठी, जिलाध्यक्ष, भाजपा का कहना है कि विपक्ष के पास न तो जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कुछ था और न ही ब्लाक प्रमुख में। विपक्ष तो प्रत्याशी उतारने तक की स्थिति में नहीं रहा। भाजपा गांव से लेकर हर जगह है।
धनबल, बाहुबल का चुनाव है
राजपाल सिंह, जिलाध्यक्ष, सपा कहते हैं कि धनबल, बाहुबल का यह चुनाव हो रहा है। फिर भी सपा ने छह सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा है। लोकतंत्र में मुकाबला किया जाएगा। हथियार डालने जैसी बात नहीं है। – मतलूब गौड़, जिलाध्यक्ष, रालोद कहते हैं कि यह कोई चुनाव नहीं है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। विपक्ष के लोगों को तो नामांकन तक नहीं करने दिया जा रहा है। जनता चंद महीने बाद सबक सिखा देगी