बिहार की राजधानी पटना के दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्राओं को एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जिस तरह से पढ़ाया जा रहा था, उसे राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देशद्रोह माना है। इसके बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने इस संबंध में तीन पेज की चिट्ठी पटना एसएसपी को भेजी है। उसकी प्रति मुख्य सचिव, डीजीपी और पटना डीएम को दी गई है। इस चिट्ठी के आधार पर दानापुर थाना में कांड संख्या 258/21 दर्ज कर लिया गया है। अनुसंधान का दायित्व दारोगा रीना कुमारी को सौंपा गया है। केस धारा 124 ए, 153 ए 505 (2) आईपीसीएण्ड 75 ऑफ जेजे एक्ट 2015 के तहत दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस स्कूल में निरीक्षण करने आये थे। इस दौरान उन्होंने संस्था में रखे कागजात को देखा तो वे अचंभित हो गये। इन कागजातों के जरिए स्कूल में नाबालिग को देश में बने कानूनों के खिलाफ ऐसे बताया जा रहा था कि जैसे कानून उनके खिलाफ है। इसी के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
संगठन के दस्तावेज में लिखा मिला, घर नहीं तो दस्तावेज कहां से लाये
भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि वहां रखे एक रजिस्टर में कानून के खिलाफ कई बात लिखी है। इसी को आधार बनाते हुए केस दर्ज किया गया है। आयोग का कहना है कि घर का दस्तावेज नहीं होने पर बेघर करने की बात लिखी गई है, जो भड़काने वाली है। छात्र-छात्राओं को भड़काते हुए संस्था के सदस्यों ने बच्चों को यह पढ़ाया है कि यदि कानून वहां रहने वाले नागरिकों के हित में नहीं है तो हम सबको मिलकर उसका विरोध करना चाहिए और हमें जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखने को कहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वह हमारे काम आ सके।
छात्राओं से शपथपत्र भी भरवाया
पत्र के अनुसार रजिस्टर के पेज 76 से 78 तक में दोबारा ग्रुप मीटिंग का जिक्र है। इसके अनुसार पांच लड़कियां ने एनआरसी और सीएए के बारे में फिर से लिखा है। मेरा नाम ….. है। मैं सुबह चार बजे उठकर पढ़ती हूं और अपने फ्रेंड्स को पढ़ने को बोलती हूं। एनआरसी के विरोध में मैं हूं। क्योंकि हमारे पास घर नहीं है तो डाक्यूमेंट्स कहां रखेंगे। आयोग का कहना है कि ऐसी बातें बच्चों को देश के कानून के खिलाफ ले जाने वाली है। इसलिए केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिए गए हैं।