बिहार की राजधानी पटना में बिहटा स्थित ईएसआईसी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 500 बेड हैं। संसाधनों की कमी तथा पर्याप्त ऑक्सीजन भंडार, लैब व दवाखाना नहीं होने के कारण अस्पताल को पूरी तरह से चालू नहीं किया जा रहा है। इस बात की जानकारी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट को दी।
विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिस तरह पटना एम्स में 300 कोविड बेड के लिए रोजाना करीब 30 हज़ार लीटर ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है। उसी तरह बिहटा स्थित अस्पताल में 500 बेड के लिए रोजाना 50 हज़ार लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होगी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि बिहटा अस्पताल को इतनी मात्रा में लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति कैसे और कब तक होगी? सुनवाई के दौरान पटना एम्स की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बिहटा ईएसआईसी अस्पताल में लेबोरेटरी जांच की सुविधा मुहैया कराने को पटना एम्स तैयार है। राज्य सरकार को इसके लिए एम्स के साथ एमओयू करार करना होगा। कोर्ट ने इस बारे में भी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को शुक्रवार तक जवाब देने का आदेश दिया। गुरुवार को न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह व न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को शाम साढ़े चार बजे फिर होगी।
कोर्ट ने कोविड मरीजों के उपचार के लिए बेड और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर फिर जवाब मांगा है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कभी कहा जा है कि ऑक्सीजन की कमी है। कभी कहा जाता है कि पर्याप्त ऑक्सीजन है, अब नहीं चाहिए। ऐसा जवाब देकर किसे बेवकूफ बनाया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने डॉ उमेश भदानी, डॉ रविकृति और डॉ रविशंकर सिंह वाली कमेटी को ऑक्सीजन के बारे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि किस अस्पताल को कितना ऑक्सीजन चाहिए, इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट दें।
एक हफ्ते में होगी ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति
इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया गया कि केंद्रीय कोटा से मिलने वाले लिक्विड ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति एक हफ्ते में शुरू हो जाएगी। इसके लिए 5 क्रायोजेनिक टैंकरों का इंतजाम कर लिया गया है। इसके अलावा आईजीआईएमएस सहित सूबे के 9 मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रेशर स्विच एप्लीकेशन प्रणाली के तहत ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भी जल्द शुरू होने जा रहा है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि शुक्रवार तक स्वास्थ्य महकमा कोर्ट को बताए कि एक हफ्ते में केंद्रीय कोटे से रोजाना कितनी मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति सूबे भर के कोविड अस्पतालों को हो सकेगी?