बिहार के भोजपुर जिले में संचालित शाहाबाद के विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान में बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी की गई है। संस्थान में तैनात सभी कर्मियों को हटाने का फैसला लिया गया है। साथ ही नये सिरे से देखरेख करने वाले कर्मियों की वहां बहाली की जायेगी। इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी निकाला जायेगा।
जिला बाल संरक्षण इकाई ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नये सिरे से बहाली के लिए डीएम को प्रस्ताव भेजा जायेगा। वहां से सहमति मिलने के बाद नई नियुक्ति की कार्रवाई प्रारंभ की जायेगी। फिलहाल व्यवस्था में सुधार से संबंधित आदेश जारी किया गया है। बता दें कि दिसंबर व जनवरी माह में विशिष्ठ दत्तक संस्थान में एक-एक कर दो बच्चों की मौत के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर कार्रवाई करने का आदेश डीएम ने सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को दिया था। इस मामले में पहले ही एक महिला कर्मचारी को हटा दिया गया था। अब इस मामले में सभी कर्मियों को हटाने का बड़ा फैसला लिया गया है।
संस्थान में स्मार्ट फोन के प्रयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध
विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान में कार्यरत सभी कर्मियों के स्मार्ट फोन के प्रयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब कोई भी कर्मी ड्यूटी के दौरान समार्ट फोन का प्रयोग करते पकड़ा जायेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। साथ ही जिला बाल संरक्षण इकाई का कोई एक कर्मचारी प्रतिदिन दत्तक संस्थान जाकर सीसीटीवी से बच्चों की देखभाल की पूरी गतिविधियों की निगरानी करेगा। इसकी जानकारी देते हुए सहायक निदेशक ने बताया कि विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान का पूर्ण प्रभार बाल संरक्षण पदाधिकारी वीर अभिमन्यु को सौंप दिया गया है।
बाल कल्याण समिति ने भी कमियां की थी उजागर
बाल कल्याण समिति की टीम ने भी अपनी जांच में विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान की कमियों को उजागर किया था। जांच टीम ने आठ जनवरी को संस्थान का जायजा लिया था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 9 जनवरी के अंक में जांच समिति की रिपोर्ट और इसके बाद 12 जनवरी को उस रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। समिति की जांच रिपोर्ट में कई खामियां सामने आई थीं। इसके बाद एक कर्मी पर कार्रवाई की गई। अभी जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई चल ही रही थी कि 14 जनवरी को एक मासूम की मौत हो गई, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। बाल कल्याण समिति ने साफ-सफाई, बच्चों के बेड से दुर्गंध आने, कर्मियों द्वारा बच्चों को मारने, समय पर खाना नहीं देने और बच्चों से अधिक मोबाइल में ध्यान लगाने सहित कई बातों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट उच्च पदाधिकारियों को भेजी थी।
दस बच्चों के रहने की ही क्षमता
विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संथान में दस बच्चों के रहने की ही क्षमता है, लेकिन कई बार 14 से 15 बच्चे हो जाते हैं। अभी फिलहाल 11 बच्चे हैं। दिसंबर माह में 14 बच्चे थे। वर्तमान में बक्सर जिले के आठ, भोजपुर के दो और रोहतास जिले का एक बच्चा यहां रहता है। इनकी देखभाल के लिए छह आया हैं, जिनमें दो-दो की आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में ड्यूटी है।
एक महिला कर्मचारी को पहले ही हटा दिया गया है। स्मार्ट फोन के प्रयोग पर भी रोक लगाने के साथ कई आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। नये सिरे से कर्मियों की नियुक्ति के लिए भी कार्रवाई की जा रही है। इसका प्रस्ताव डीएम को जल्द ही भेज दिया जायेगा।