कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को अब ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है। यह कमी उनकी जान पर भारी पड़ने लगी है। कई छोटे-बड़े निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है। ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से इनकार करने लगे हैं। ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण भर्ती मरीजों का भी इलाज करने में अस्पतालों को मुश्किल होने लगी है। कई छोटे अस्पताल परिजनों को स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करने तक की जिम्मेवारी देने लगे हैं।
अपुष्ट खबरों के मुताबिक एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार मरीजों के मरने की खबर भी चर्चा में है। वहीं निजी क्षेत्र के एक बड़े अस्पताल जगदीश मेमोरियल ने ऑक्सीजन की कमी की शिकायत पटना डीएम से की है। अस्पताल के संचालक डॉ. आलोक ने डीएम से ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने की मांग की अन्यथा मरीजों को भर्ती लेने से असमर्थता जताई है। उन्होंने इसकी कॉपी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विभगा के प्रधान सचिव और पटना की सिविल सर्जन को भी दी है। बताया कि उनके यहां 28 कोरोना मरीज भर्ती है। शाम सात बजे तक मात्र दो सिलेंडर उनके पास बचे थे। किसी तरह 20 और की व्यवस्था कर ली गई है। लेकिन सुबह तक ये भी खत्म हो जाएगा। ऐेसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर मुसीबत बढ़ सकती है।
वहीं श्री सांईं हॉस्पीटल के डॉ. आशुतोष ने भी ऑक्सीजन की कमी की बात कही। कहा कि उनके यहां प्रतिदिन 150 सिलेंडर की मांग है। लेकिन अभी पूरे दिन मिलाकर 50 सिलेंडर की ही आपूर्ति हो रही है। बताया कि डीएम के समक्ष उन्होंने यह समस्या रखी है। उन्होंने तत्काल कुछ सिलेंडर की व्यवस्था कराई है और आगे भी आपूर्ति सामान्य रखने का आश्वासन दिया है। सगुना मोड़ स्थित समय हॉस्पीटल में कोविड का 40 बेड है। वहां के कर्मी जियाउल हक ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उनके यहां नया मरीज भर्ती नहीं लिया जा रहा है। वहां से ऑक्सीजन की कमी के कारण दो मरीज को अस्पताल छोड़ना पड़ा। उसमें से एक महिला एसबीआई में मैनेजर हैं।
बढ़ी ऑक्सीजन की मांग
कोरोना संक्रमितों के बड़ी संख्या में मिलने के कारण ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग लगभग 700 प्रतिशत तक बढ़ गई है। बोरिंग कैनाल रोड के हरि ओम ऑक्सीजन के संचालक शेखर पांडेय ने बताया कि पहले उनके यहां 100 सिलेंडर प्रतिदिन की मांग पहले थी। अब कम से कम 700 सिलेंडर की मांग आ रही है। लेकिन वे इतनी मांग पूरा करने में अक्षम हैं। क्योंकि निर्माता कंपनी उतनी आपूर्ति नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि पहले जहां 10.5 लीटर का ऑक्सीजन सिलेंडर 6000 से 6500 में मिलता था, वहीं अब इसके बदले 8500 से 9000 रुपये वसूला जा रहा है।