उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी की जांच के दौरान विद्युत विभाग के अधिकारियों या कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का फैसला किया है.
राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को बताया कि बिजली चोरी एक अपराध है. बिजली की चोरी पकड़ने के लिए तलाशी अभियान में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को रोकने वाले लोगों पर रासुका और गुंडा एक्ट की तामील की जाएगी. राज्य सरकार 75 ‘बिजली थानों’ की स्थापना करने जा रही है.
उन्होंने कहा कि बिजली चोरी होने से ईमानदार उपभोक्ताओं को परेशानी होती है और राज्य सरकार इस बुराई को खत्म करना चाहती है.
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार बिजली वितरण के ‘गुजरात माडल’ को अपनाएगी और राज्य के सभी 75 जिलों में बिजली थाने स्थापित करेगी, जहां बिजली चोरी से जुड़े मामले दर्ज किए जाएंगे.
राज्य सरकार बिजली चोरी रोकने और जानबूझकर बिल ना चुकाने वाले बकायेदारों के नाम उजागर करने के लिए पहले ही ‘नेम एंड शेम’ नीति को अपना चुकी है.