बहुत तेजी से बढ़ रही गंगा, बचाव कार्य बाधित

गंगा के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला लगातार जारी है। केन्द्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर 51़11 मीटर दर्ज किया गया। नदी में प्रतिघंटा पांच सेमी का बढ़ाव बना हुआ है। यहां खतरा का निशान 57.615 मीटर है। बलिया-बैरिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुकुमछपरा (स्पर संख्या 23) के पास नदी व एनएच की दूरी महज 20 मीटर ही है। यहां बचाव कार्य को लेकर बाढ़ विभाग के अधिकारी अबतक गंभीर नहीं दिख रहे हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही गंगा की तलहटी में चल रहा बाढ़ निरोधक कार्य बंद हो गया है। मजदूर भी वहां से पलायन कर गये हैं। कुछेक मजदूरों के सहारे बोल्डर बिछाकर स्लोपिंग का कार्य जारी है। अब देखना यह है कि 29 करोड़ रुपये से बन रहा जीओ विधि का प्लेटफार्म और यह स्पर गंगा के लहरों के सामने कितना कारगर साबित होता है। गंगापुर में आकस्मिक निधि से चल रहा बाढ़ निरोधक कार्य भगवान भरोसे है। यदि यहां हो रहे बचाव कार्य को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं हुए तो इसका नतीजा भी भुगतना पड़ सकता है। उधर, जिला प्रशासन और बाढ़ विभाग का उदासीनता से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। केहरपुर के त्रिलोकी ओझा ने कहा कि चुनाव के समय बड़े-बड़े दावे करने वाले लोग इधर झांकने भी नहीं आ रहे। सुघरछपरा के जयप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि विभागीय अधिकारियों का आश्वासन अबतक कोरा ही साबित हुआ है। अबतो हम सबकी सुरक्षा मां गंगा के ही भरोसे है। केहरपुर निवासी पवन ओझा का कहना है कि गांव को गंगा के कटान से बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लगायत अधिकारियों तक के दरवाजे खटखटाये गये लेकिन हर जगह आश्वासन ही मिला है।

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