स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में अपेक्षाकृत वृद्धि न कर पाने वाली ग्राम पंचायतों के प्रधानों को भी अब एसबीएम की समीक्षा बैठकों में बुलाया जाएगा। पूर्व की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही द्वारा सचिवों से योजना के क्रियान्वयन के संबंध में कई गई पूछताछ के बाद कुछ मामलों में शिथिलता बरत रहे प्रधानों की वजह से सचिवों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होने की बात सामने आई है। इसके बाद जिलाधिकारी ने निर्देश जारी किए हैं कि आगामी बैठकों में जिन ग्राम पंचायतों में ठीक तरीके से काम नहीं हो पा रहा है, उन ग्राम पंचायतों के प्रधानों को भी बैठक में बुलाया जाएगा। ताकि सचिव व प्रधान के आमने-सामने होने पर किसी भी समस्या का जवाब लिया जा सके और उस समस्या के सापेक्ष आगे की कार्रवाई अथवा रणनीति भी तय की जा सके।
बहुतेरे मामलों में किसी प्रकार की शिथिलता परिलक्षित होने पर सचिवों द्वारा बैठक में इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रधानों पर उड़ेल दी जाती रही है। इससे ग्राम पंचायतों में योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। इस तरह की शिकायतों में प्रधान का पक्ष जाने बिना सचिव को उक्त समस्या के संदर्भ में खास हिदायत नहीं मिल पाती है। सचिवों की इस हीला हवाली से नाराज डीएम ने पूर्व की समीक्षा बैठक में इस बात के निर्देश जारी कर दिए कि आगे से जिन पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन व अन्य योजनाओं के सापेक्ष कम प्रगति दिखाई देगी। उन पंचायतों के प्रधानों को भी बैठक में बुलाया जाएगा। जिससे स्थति की वास्तविक समीक्षा करके आगे की रूपरेखा तैयार की जा सके। जिलाधिकारी के इस निर्देश के बाद जहां अब ग्राम पंचायत के प्रधानगण भी बैठक में बुलाए जाएंगे।