लखनऊ । अगर हौसला बुलन्द हो और मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो सफलता चरण चूमती है।साधारण परिवार में जन्मे शशांक हमेशा देश और अपने जन्मभूमि के लिए संघर्ष करते रहे।तभी तो आईपीएस बनने से पहले द्वाबा के लिए अभिशाप बनी आर्सेनिक की समस्या को दूर करने के लिए रिसर्च करते हुए लोक सेवा परीक्षा पास किया।
बलिया के गोनिहा छपरा गांव निवासी शशांक ने पीएससी के सिविल सेवा परीक्षा में 206वीं रैंक हासिल करके बलिया का नाम रौनक किया है । शशांक के पिता उत्तर प्रदेश ब्रिज कारपोरेशन में जेई के पद पर कार्यरत है.देर शाम लोक सेवा आयोग परीक्षा की नतीजा आते ही दिनेश सिंह के घर में ख़ुशी छा गई जब परिवार वालो को पता चला कि उनका बेटा आईपीएस बन गया है ।
शशांक शेखर सिंह की शुरूआती पढ़ाई गोनिहा छपरा के प्राइमरी स्कूल में हुई।जूनियर हाई स्कूल सीवन टोला स्थित श्याम पब्लिक हाईस्कूल किया आगे की पढ़ाई दिल्ली में पूरी की । शशांक बीटेक करने के बाद भूमिगत जल में आर्सेनिक निवारण पर पीएचडी कर रहे है. शशांक जिले में फैली आर्सेनिक की समस्या को दूर करने के शोध में यह विषय चुना ।