प्रदेशीय इंडस्ट्रीयल एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ यूपी (पिकप) में तीन जुलाई शाम आग लग गई थी। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त निरीक्षक रमेश चंद्र पांडेय ने एनके सिंह की गतिविधियां संदिग्ध पाईं थी। पुलिस ने सीडीआर, बायोमेट्रीक पंचिंग, डेटा एनालिसिस और सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली। जांच में पता चला कि एनके सिंह के कार्यालय से ही आग की शुरुआत हुई थी। उनके पास रहने वाली बहुत सारी महत्वपूर्ण फाइलें जलकर नष्ट हो गईं। अधिकांश फाइलें रिकवरी, ओटीएस व इंसेंटिव जैसे महत्वपूर्ण प्रकरणों से संबंधित थीं। जांच में साफ हुआ कि एनके सिंह किसी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। वह लोग कौन हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल में अग्निकांड के दिन एनके सिंह शाम करीब छह बजकर सात मिनट पर बायोमेट्रिक के पास आए।।CCTV फुटेज में बॉयोमैट्रिक मशीन के पास गए पर अटेंडेंस नहीं लगायी आग की शुरुआत उन्हे के केबिन से हुई इसकी रिकॉर्डिंग सीसी कैमरे में मौजूद है। सीओ गोमतीनगर मुताबिक, सभी साक्ष्यों के आधार पर एनके सिंह को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस अभी अहमदाबाद से आई फायर फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी आनी है। विवेचना में आने वाले नए साक्ष्यों के आधार पर उप प्रबंधक नरेंद्र कुरील (कार्यक्षेत्र-औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 व परामर्शी सेवाएं) और उप प्रबंधक वित्त मनोज कुमार गुप्ता (कार्यक्षेत्र – औद्योगिक निवेश नीति 2012 व औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017) के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस ने निम्न बिन्दुओ पर जांच की ….
.पुलिस ने पिकप में काम करने वाले अधिकांश अधिकारियों के बयान दर्ज किए।
सीसी फुटेज प्राप्त किया गया, बायोमेट्रीक पंचिंग डाटा हासिल की गई।
संबंधित लोगों की कॉल डिटेल निकाली गईं।
जलने वाली पत्रावलियों की महत्ता के बारे में छानबीन की गई।…………..