केरल में लगातार दूसरे दिन देश भर के मुकाबले आधे कोरोना केस पाए जाने पर विवाद छिड़ गया है। राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसके लिए सीपीएम सरकार की ओर से बकरीद के मौके पर कोरोना प्रोटोकॉल में ढील दिए जाने को वजह बताया है। इस बीच केंद्र सरकार ने 6 सदस्यों की एक एक्सपर्ट टीम राज्य में भेजने का फैसला लिया है। हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया कि केंद्र सरकार की ओर से 6 सदस्यों की टीम केरल भेजी जा रही है। यह टीम एनसीडीसी के डायरेक्टर की लीडरशिप में केरल जाएगी। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि केरल में बड़ी संख्या में कोरोना केस मिल रहे हैं। ऐसे में यह टीम राज्य सरकार को कोरोना से लड़ने के प्रयासों में मदद करेगी।
इसके साथ ही केरल में कोरोना केसों में तेजी से इजाफा होने के साथ ही पाबंदियों का दौर भी लौट आया है। राज्य सरकार ने इस सप्ताह शनिवार और रविवार यानी 31 जुलाई और 1 अगस्त को कंप्लीट लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है। वहीं बीजेपी ने राज्य में बिगड़े हालातों के लिए सरकार की ओर से बकरीद के मौके पर ढील को वजह बताया है। बीजेपी का कहना है कि सीपीएम सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति के चक्कर मे बिना कुछ सोचे-समझे ईद पर ढील दी थी। यह उसी का नतीजा है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र की वैक्सीन के वितरण की गलत नीति के चलते ऐसा हुआ है।
संबित पात्रा का ट्वीट, ईद पर छूट का असर, पर नैरेटिव तो कुंभ पर ही बनेगा
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने केरल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘ईद में छूट के चलते अब केरल से ही कोरोना के 50 फीसदी केस मिल रहे हैं। लेकिन हमेशा की तरह ही नैरेटिव कांवड़ और कुंभ यात्रा पर ही बनेगा। यह केरल मॉडल है।’ बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने भी पिनराई विजयन सरकार पर हमला बोला है। मालवीय ने ट्वीट किया, ‘ईद पर ढील का नतीजा अब देखने को मिल रहा है। सेकुलरिस्टों की चुप्पी देखने लायक है।’ इसके अलावा अमित मालवीय ने केरल के जिले मलप्पुरम का भी जिक्र किया, जो मुस्लिम बहुल है। इस जिले में राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना केस मिले हैं। राज्य में दो महीनों के बाद ऐसा देखने को मिला है, जब लगातार दो दिन 20,000 से ज्यादा नए केस मिले हैं।
लेफ्ट सरकार का बीजेपी पर वार, वायरस का मजहब नहीं होता
हालांकि बीजेपी की आलोचना पर सीपीएम ने उस पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह मामले को सांप्रदायिक ऐंगल देने का काम कर रही है। केरल सरकार का कहना है कि वायरस का कोई धर्म या जाति नहीं होती है। पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्वीट किया, ‘सीरो सर्वे में केरल सबसे नीचे है। इसका मतलब है कि केरल के लोगों को कोरोना होने की आशंका अधिक है। केंद्र सरकार की मौजूदा वैक्सीन वितरण पॉलिसी का खामियाजा भी केरल को भुगतना पड़ा है। केंद्र को मुफ्त की सलाह देने की बजाय ज्यादा वैक्सीन मुहैया करानी चाहिए।’