इस बार कोरोना गर्भ में पल रहे बच्चों का भी गला घोंट रहा है। तीन संक्रमित महिलाओं के गर्भ में बच्चे की मौत और बाद में प्रसूता की मौत पर डॉक्टर सदमे में हैं। पहली बार जच्चा-बच्चा की मौत रिपोर्ट हो रही है। पिछले वर्ष जच्चा-बच्चा दोनों कोरोना से सुरक्षित रहे।
मेडिकल कॉलेज के अपर इंडिया जच्चा बच्चा अस्पताल के डॉक्टरों के सामने कोरोना ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। बीते वर्ष जहां बगैर लक्षणों वाली संक्रमित महिलाएं आ रही थीं। वहीं इस बार कम ऑक्सीजन लेवल के साथ आ रही हैं। कोविड विंग की नोडल अधिकारी प्रो. सीमा द्विवेदी के मुताबिक काफी गम्भीर महिलाएं आ रही हैं। वायरल लोड अधिक मिल रहा है। इससे दो खतरे हैं, एक तो ऑक्सीजन लेवल का नीचे गिर जाना जिससे बच्चे की मौत हो सकती है। दूसरे प्रसव के बाद बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। प्रो. सीमा द्विवेदी के मुताबिक तीन केस ऐसे आए हैं जिनमें जच्चा-बच्चा की मौत हो गई है। एक महिला को अपर इंडिया अस्पताल से आईसीयू में रेफर किया गया था। दो महिलाएं सीधे इमरजेंसी में आई थीं।
71 संक्रमित गर्भवती महिलाओं का इलाज अप्रैल में
अपर इंडिया अस्पताल में 71 संक्रमित गर्भवती महिलाएं भर्ती कराई गई हैं। इनमें 35 प्रसव कराए गए। सभी प्रसव में 22 ऑपरेशन करने पड़े हैं।
गर्भवती महिलाओं को सलाह
प्रो. सीमा द्विवेदी के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, जिंक और बिजेबिल प्रोटीन का भरपूर सेवन करना चाहिए। इससे वे संक्रमण से महफूज रहेंगी। गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें। घर में ही योग और व्यायाम करें।