नई दिल्ली : काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से इस बार सरकार दो लाख से अधिक उन कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने का विचार कर रही है जो कि काफी लंबे समय से कोई कारोबार नहीं कर रहीं. सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों की दो लाख से अधिक कंपनियों को कारण बताओ नोटिस इसलिए जारी किए हैं, क्योंकि वे लंबे समय से कोई कारोबारी गतिविधि नहीं कर रही या परिचालन में नहीं हैं.
दरअसल कारपोरेट कार्य मंत्रालय का यह कदम उन मुखौटा कंपनियों के खिलाफ हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए किया जाता है. मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कंपनी पंजीयकों ने कंपनी कानून 2013 के तहत दो लाख से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं.कंपनी पंजीयक मुंबई ने 71,000 से अधिक कंपनियों, और कंपनी पंजीयक दिल्ली ने 53,000 से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं.
उल्लेखनीय है कि ये नोटिस कानून की धारा 248 के तहत जारी किए गए हैं. सम्बद्ध कंपनी को जवाब देना होगा और अगर उससे मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ तो मंत्रालय पंजीकरण रद्द कर देगा. सरकार की इस कार्रवाई से फर्जी कम्पनी बनाकर लाभ कमाने वालों में हड़कंप मच गया है.