दिल्ली-एनसीआर की हवाएं फिर बनीं मुसीबत, आज खतरनाक हो सकती है वायु गुणवत्ता

People cover their face with mask to avoid thick smog in the capital. Photo: Pradeep Gaur/ Mint

 

दिल्ली-एनसीआर की हवा इस सीजन में दूसरी बार जहरीली बन गई। पंजाब व हरियाणा से दिल्ली पहुंच रहे पराली के धुएं व स्थानीय मौसमी दशाओं के बिगड़ने से हवा में मौजूद प्रदूषक तीन से चार गुना तक बढ़ गए हैं। मंगलवार दिन भर दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की घनी चादर छाई रही। इससे सड़क पर निकले लोगों ने घुटन महसूस की। खुले में सांस लेना तक मुश्किल था। सफर को अनुमान है कि बुधवार को भी हालात में सुधार आने की उम्मीद नहीं है, बल्कि अनुमान है कि यह ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच सकती है।

दिल्ली के लोधी रोड इलाके में आज तड़के पीएम 2.5 का स्तर 500 और पीएम 10 का स्तर 497 दर्ज किया गया जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा (नॉलेज पार्क-3) में एक्यूआई का स्तर 458 रहा।

फरीदाबाद (सेक्टर 16-ए) में वायु गुणवत्ता स्तर 441 रहा और नोएडा के सेक्टर 62 में एक्यूआई 472 दर्ज किया गया। दिल्ली समेत तीनों स्थानों से लिया गया वायु की गुणवत्ता का सूचकांक गंभीर श्रेणी में आता है।

पाकिस्तानी हवाएं कर रहीं प्रभावित
सफर की तरफ से रीयल टाइम बेस पर जारी आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता शाम 6 बजे 467 तक पहुंच गई थी। इसमें सबसे ज्यादा मात्रा पीएम 2.5 की थी।दूसरी तरफ आनंद विहार, लोदी रोड, आईजीआई, पूसा रोड, आईजीआई एयरपोर्ट, दिल्ली विश्वविद्यालय समेत दूसरी कई जगहों पर दिन भर पीएम 2.5 का स्तर 500 के करीब बना रहा। जबकि इसका मानक 60 होता है।

मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी पाकिस्तान व जम्मू कश्मीर में चक्रवाती हवाएं चल रही हैं। इससे दिल्ली का मौसम भी प्रभावित हुआ है। आसमान में हल्के बादल होने के बाद भी बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है।

वहीं, सतही हवाएं बहुत धीमी गति से चल रही हैं। उधर, धूप खिली न होने से मिक्सिंग हाइट नीचे आ गई है। नतीजतन, हवा में मौजूद प्रदूषक दिल्ली के ऊपर टिक गए हैं।

पराली जलाने के मामले घटे, लेकिन प्रदूषण में धुएं का हिस्सा बढ़ा

बीते 24 घंटों में पराली जलाने के सिर्फ 740 मामले रिकार्ड किए गए, पर हरियाणा की तरफ से दिल्ली पहुंचने वाली हवाओं की चाल तेज होने से पराली के धुएं का दिल्ली के प्रदूषण में हिस्सा बढ़ गया।

सोमवार के 18 फीसदी की तुलना में मंगलवार को आंकड़ा 25 फीसदी तक पहुंच गया। जबकि सोमवार को पराली जलाने के मामले 1,800 से ज्यादा रिकार्ड किए गए थे। सफर का पूर्वानुमान है कि अगर पराली जलाने के मामले नहीं बढ़े तो दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा करीब 22 फीसदी रहने का अंदाजा है।

बुधवार को भी हालात रहेंगे बदतर
सफर का अनुमान है कि बुधवार को मौसमी दशाओं में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। इससे हवा की गुणवत्ता 500 के आंकड़े को पार करती हुई खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है। पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार से हवा की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। शुक्रवार को यह दुबारा बेहद खराब से खराब स्तर में दाखिल हो सकती है।

दिल्ली का प्रदूषण मीटर 24 घंटे में 74 अंक बढ़ा
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बीते 24 घंटे में 74 अंक बढ़ गया है। सोमवार के गुणवत्ता सूचकांक 360 की जगह मंगलवार को यह 425 रिकार्ड किया गया। गंभीर स्तर पर हवा एनसीआर के दूसरे शहरों की भी रही। इसमें सबसे खराब हवा गाजियाबाद की रिकार्ड की गई। दूसरे नंबर पर नोएडा रहा।

दिल्ली-एनसीआर के शहरों की की हवा की गुणवत्ता सूचकांक

गाजियाबाद: 453
नोएडा: 440
ग्रेटर नोएडा: 436
दिल्ली: 425
फरीदाबाद: 406
गुरुग्राम: 402हवा को संकट में डालने वाले मौसमी कारक:
. सतह की हवाओं की चाल 6-8 किमी प्रति घंटे के बीच बनी रहना।
. हवा की दिशा का उत्तर पश्चिमी होना।
. मिक्सिंग हाइट का नीचे पहुंचना।
. बारिश का अभाव।
. हवा में मौजूद नमी।
. पराली के धुएं का दिल्ली पहुंचना।

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