भारत में दूसरी लहर का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। देश के कई राज्यों से लॉकडाउन का हटना भी शुरू हो गया है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। अब इन नए वेरिएंट्स ने देश में तीसरी लहर को लाने के संकेत दिए हैं। अब तीसरी लहर से बचने के लिए लोगों को जल्दी से जल्दी टीकाकरण कराने की सलाह दी जा रही है। लेकिन कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि कोरोना डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन से शरीर में बनी इम्यूनिटी को भी हरा सकता है। अब कोविड टास्क फोर्स के हेड वीके पॉस ने बताया है कि अभी तक ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है जो इस बात को साबित कर सके।
उन्होंने बताया कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट का अध्ययन किया जाना बाकी है. अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक डेटा नहीं है जो यह साबित कर सकें कि नया वेरिएंट टीकों की प्रभावकारिता को कम करता है. कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने यह जानकारी दी है।
वीके पॉल ने सोमवार को पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “तथाकथित डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट में एक म्यूटेशन दिखाई पड़ता है और क्योंकि यह एक नया वेरिएंट है, वैज्ञानिक जानकारी अभी भी शुरुआती स्टेज में है।”
कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कहा, “डेल्टा वेरिएंट में यह म्यूटेशन, ज्यादा संक्रामक या बीमारी की गंभीरता को बढ़ाता है या वैक्सीन के प्रभावकारिता पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव है, यह अभी स्थापित नहीं है और हमें इस जानकारी के उपलब्ध होने का इंतजार करना चाहिए।”
पॉल ने कहा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक मूल्यांकन के आधार पर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सिन दोनों ही कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं, जिसमें डेल्टा संस्करण भी शामिल है, जो वर्तमान में देश में प्रमुख रूप है।”
कोरोना की तीसरी लहर पर बात करते हुए वीके पॉल ने कहा कि महामारी की किसी भी लहर के लिए तारीख देना गलत होगा क्योंकि कोरोना वायरस का व्यवहार अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा, “किसी भी लहर का होना या न होना, हमारे अपने हाथ में है। मेरे विचार से किसी भी लहर के लिए कोई तारीख तय करना ठीक नहीं है।”
वीके पॉल बताते हैं कि किसी और लहर का आना कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन, टेस्टिंग और रोकथाम स्ट्रैटेजी और वैक्सीनेशन रेट शामिल है।