आखिरकार साल भर के इंतजार के बाद ओलंपिक गेम्स का आगाज शुक्रवार 23 जुलाई को हो गया। दुनियाभर में कोरोना के कहर के कारण पिछले साल होने वाले ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस साल भी कोरोना का कहर शांत नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (आईओसी) ने जापान में ओलंपिक का आयोजन कराने का प्लान बनाया। अब तो ओलंपिक खेल शुरू भी हो गए हैं। आज शाम उद्घाटन समारोह के साथ ही खेलों के महाकुंभ का औपचारिक तौर पर आगाज हो जाएगा। लेकिन एक तरफ जहां दुनिया ओलंपिक खेलों की खुमारी में डूबी हुई है वहीं, मेजबान जापान के लोग इन खेलों का विरोध कर रहे हैं।
आज ओलंपिक के कुछ खेलों की शुरुआत हो गई है, लेकिन टोक्यो की सड़कों पर जापान के लोग ओलंपिक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां के लोग पिछले कई दिनों से खेलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि खिलाड़ियों और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ओलंपिक खेलों को रद्द कर देना चाहिए। लेकिन उन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद ओलंपिक खेल शुरू हो चुके हैं। जापान में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, इसपर लोगों का कहना है कि दुनियाभर के खिलाड़ी अलग-अलग देशों से आएंगे, जिससे टोक्यो में कोरोना का संक्रमण और भयावह रूप ले सकता है। कोरोना के कारण ओलंपिक के 125 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि ओलंपिक खेलों में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं होगी।
इन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद आईओसी के प्रमुख थॉमस बाचो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि ओलंपिक खेल देश में कोरोना के सुपर स्प्रेडर नहीं बनेंगे। ओलंपिक के खेल गांव में खिलाड़ियों और प्रत्येक देश के प्रतिनिधि दलों को कड़े नियमों का पालन करना पड़ेगा। उन्होंने जापान के सम्राट नारूहितो से मुलाकात की और बताया कि आयोजक टोक्यो में कोरोना न फैलने देने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस बार के ओलंपिक खेलों में 205 देशों से आए 11,000 से ज्यादा एथलीट 33 खेलों के 339 इवेंट में 17 दिन तक भिड़ेंगे। भारत ने इस बार अपने ओलंपिक इतिहास का सबसे बड़ा दल भेजा है। इस बार भारत की तरफ से 228 मेंबर टोक्यो गए हैं जिसमें 119 एथलीट 85 मेडल इवेंट के लिए अपनी चुनौती पेश करेंगे। इस भारतीय दल में 67 पुरुष और 52 महिलाएं हैं।