अमेरिका ने इराक और सीरिया के बीच सीमा के निकट ”ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ठिकानों को निशाना बनाकर रविवार को हवाई हमले किए और उन्हें तबाह कर दिया । पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बताया कि ये मिलिशिया समूह इराक में अमेरिकी बलों के खिलाफ मानवरहित यान से हमले करने के लिए इन ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे थे।
किर्बी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने सीरिया में दो और इराक में एक यानी कुल तीन ठिकानों पर हमले किए। इन ठिकानों से मिलिशिया समूह अपने अभियान चलाते थे और यहां हथियार भी रखते थे। बताया जा रहा है कि इस मिलिशिया गुट ने इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमला किया था। रॉकेट हमले में अमेरिकी सैनिक घायल हो गए थे और एक ठेकेदार की मौत हो गई थी।
उन्होंने इन हमलों को ”रक्षात्मक करार देते हुए कहा कि ये हमले ”इराक में अमेरिकी हितों को निशाना बनाकर किए गए ईरान समर्थित समूहों के जारी हमलों के जवाब में किए गए। किर्बी ने कहा, ”अमेरिका ने स्थिति बिगड़ने के जोखिम को कम करने के लिए और हमले रोकने की खातिर एक स्पष्ट संदेश भेजने के लिए आवश्यक, उचित और सोच-समझकर कार्रवाई की।
ये हमले राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर किए गए हैं। पद संभालने के पांच महीनों में दूसरी बार उन्होंने ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिया है। बाइडेन ने आखिरी बार फरवरी में उस समय इराक में रॉकेट हमलों के जवाब में सीरिया में सीमित हमलों का आदेश दिया था। यह हमले अमेरिकी कर्मियो की रक्षा के अमेरिका के प्रयासों को दिखाते हैं।
बाइडेन और व्हाइट हाउस ने रविवार को हुए हमलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इराक में अमेरिकी कर्मियों और सुविधाओं के खिलाफ ड्रोन हमलों में ईरान का हाथ है, जहां अमेरिकी सेना बगदाद को इस्लामिक स्टेट के अवशेषों से निपटने में मदद कर रही है।