कोरोना वायरस का प्रसार कैसे हुआ? इसे लेकर शोधकर्ताओं की खोज जारी है। इस बीच कई विश्लेषक लगातार इस बात का अंदेशा जता रहे हैं कि यह वायरस चीन की वुहान लैब से सबसे पहले निकला था। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच एक सर्वे में दावा किया गया है कि 60 प्रतिशत अमेरिकी नागरिक यह मानते हैं कि खतरनाक कोरोना वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से ही निकला है।
हाल ही में ‘Fox News’ ने अपने एक सर्वे में दावा किया है कि यूएस के 60 फीसदी नागरिकों को इस बात पर विश्वास है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान में स्थित लैब में विकसित किया गया और यह लीक हो गया। ‘Fox News’ के सर्वे में यह बात निकल कर सामने आई है कि सिर्फ 31 प्रतिशत अमेरिकी यह सोचते हैं कि यह जानलेवा वायरस कुदरती देन है। कहा जा रहा है कि यह सर्वे 19 जून से 22 जून के बीच 1,001 यूएस नागरिकों के बीच किया गया है।
सर्वे के मुताबिक 50 प्रतिशत लोगों का यह भी मानना है कि कोविड-19 वायरस ने अमेरिकियों की जिंदगी और उनके रहन-सहन को पूरी तरह से बदल दिया है। जबकि 42 फीसदी लोग यह मानते हैं कि यह बदलाव अस्थाई है। इसी साल फरवरी के महीने में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने लैब से वायरस के लीक होने की थ्योरी को नकार दिया था।
WHO के पूर्व सदस्य डॉक्टर पीटर डैसज़ैक ने कहा था कि लैब की थ्योरी को नकारने का फैसला WHO के सभी 17 सदस्यों की सर्वसम्मति से लिया गया था। हालांकि, कोरोना वायरस के स्त्रोत को लेकर WHO की जांच की यूएस और यूके जैसे देशों ने आलोचना की थी और कहा था कि इस जांच में सभी ऑरिजिनल डेटा और नमूनों का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
बहरहाल अभी दुनिया में कोरोना वायरस के शुरुआती प्रसार को लेकर तीखी बहस छिड़ हुई है। पिछले साल तक जहां इसकी उत्पत्ति जानवरों से मानी जा रही थी तो अब बीते कुछ माह से वुहान प्रयोगशाला (लैब) से लीक की जांच की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है। महामारी के चमगादड़ों से इंसानों में आने की थ्योरी दुनिया को संतुष्ट नहीं कर पाई है। ऐसे में प्रयोगशाला से प्रसार की गहन पड़ताल होनी चाहिए।