उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन और पुलिस मिलकर जहरीली शराब का आमद और बिक्री नहीं रोक पाई। नतीजा यह हुआ कि आसपास के गांवों के नौ और लोगों की हालत बिगड़ गई। तीन लोग पहले से प्रयागराज में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं।
राजापुर थाने के खोपा गांव में जहरीली शराब से रविवार सुबह से लेकर रात तक पांच मौतें हुईं। इनमें से छह लोगों ने एक साथ बैठकर शराब पी थी। देर रात दो और लोग गंभीर हुए तो उनको भी प्रयागराज रेफर कर दिया गया। सोमवार सुबह आसपास गांवों के सात और लोगों को अस्पताल लाया गया। जो शराब पीकर 5 लोग मरे वही शराब आसपास के गांवों में भी बिक रही है जिसे इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन नहीं रोक पाया। शासन ने भले एसडीएम, सीओ, आबकारी अधिकारी, थानेदार समेत आठ लोगों को सस्पेंड कर दिया हो लेकिन जहरीली शराब का खतरनाक कारोबार अभी जारी है।
पुलिस और आबकारी एक-दूसरे पर मढ़ रहे तोहमत
शराब से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो ग्रामीणों ने बताया कि कच्ची महुआ की शराब पीकर मौतें हुईं। जैसे ही पुलिस की इंट्री हुई, बताया गया कि शराब देशी शराब ठेके से खरीदकर एक परचून दुकान से बेची जा रही थी यानी सारी गलती आबकारी विभाग की थी। आबकारी विभाग की तरफ से कच्ची शराब पर ही जोर दिया जाता रहा। अब जब ठेका सील हो गया तो और लोग कौन सी शराब पीकर मौत के करीब पहुंच रहे हैं इसका जवाब पुलिस को देना होगा।