गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय विश्विद्यालय की एक छात्रा ने दुनिया का सबसे चमकीला पदार्थ बनाकर नई इबारत लिखी है। यह पदार्थ आईआईटी चेन्नई व जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट में हुए परीक्षण में खरा साबित हुआ है। यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है कि, इसकी मदद से दो वॉट के एलईडी में 20 वॉट तक की रोशनी मिल सकेगी | पांच साल में पूरा किया शोध
गोरखपुर की इफ्फत अमीन दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र की शोधार्थी हैं। इफ्फत ने पांच साल में यह शोध पूरा किया है। इस कांप्लेक्स की चमक क्षमता 91.9 फीसदी है। अब तक बने चमकीले कांप्लेक्स की क्षमता 80 फीसदी तक है। इफ्फत अमीन के प्रोफेसर उमेश नाथ त्रिपाठी ने बताया कि इसका पता तब चला जब चमकीले कांप्लेक्स के मिश्रण को आईआईटी मद्रास चेन्नई व जापान में परीक्षण हुआ। आईआईटी मद्रास व जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट में जांच के बाद पदार्थों की दक्षता का दावा किया गया है।
परीक्षण में चमक की क्षमता 91.9 फीसदी
इफ्फत ने बताया कि, गोरखपुर की इफ्फत अमीन ने दुर्लभ तत्व लैंथेनाइड सीरियम जैसे कई मिश्रण से कुल 48 कांप्लेक्स बनाए। उनकी अलग अलग ल्यूमिनिसेंस चमक की छमता जांची गई। शुरुआत के 2 साल केवल दुर्लभ तत्व जुटाने व संश्लेषण के बाद उसके अनुप्रयोग समझने में ही लग गए।
गोरक्षनाथ शोध मेडल से सम्मानित हैं इफ्फत
संश्लेषित कांप्लेक्स का आईआईटी मद्रास और चेन्नई, सीडीआरआई लखनऊ और जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट की लैब में परीक्षण कराया गया। वहां इनकी चमक क्षमता 91.9% तक पाई गई। इफ्फत के चार शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं। इनमें इंग्लैंड स्थित रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, कई देशों से प्रकाशित होने वाला एल्वाइजर व जर्नल टेलर एंड फ्रांसिस शामिल हैं। शोध के लिए उन्हें गुरु गोरक्षनाथ शोध मेडल मिला है।
शोध से यह फायदे होंगे-
- ऑर्गेनिक एलईडी बल्ब बनाई जा सकेगी, जो महज 1 से 2 वाट के करंट से तेज रोशनी देगी।
- रडार में ऊर्जा की खपत कम होगी।
- एमआरआई में भी नतीजे अच्छे मिलेंगे।
- दवाओं और बायोलॉजिकल सिस्टम की जांच तथा लेवलिंग में कारगर होंगे।