जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के निर्देशन में सचिव कामायनी दूबे ने बताया कि कोविड-19 के गंभीर प्रकोप के कारण देश की आर्थिक स्थिति बिगडने के साथ-साथ बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया है।
कोरोना महामारी के कारण बहुत से छोटे बच्चे ने समय से पहले ही अपने माता-पिता का साया उठते हुए देखा है और बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं, जिनकी जिम्मेदारी उठाने वाला भी कोई नहीं है। इन्हीं सब परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया है।
ऐसे सभी बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना 2021 आरंभ किया गया है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। उम्मीदवार की आयु शून्य वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
केवल वही बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना वायरस महामारी के कारण हुई है। इस आवेदन को पूर्ण करने के उपरान्त 15 दिन के अंदर सफलता पूर्वक हो जाएगा। इस योजना अंतर्गत आवेदन माता-पिता की मृत्यु के 2 वर्ष के भीतर ही कराया जा सकता है।