बिहार में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। होली से ठीक पहले रद्द की गई छुट्टियों को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। रविवार को बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की नर्सों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है।
नर्सें सुबह से ही कामकाज ठप करके अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा और नारेबाजी कर रही हैं। नर्सों की मानें तो साप्ताहिक छुट्टियों के अलावा प्राकृतिक अवकाश तक रद्द करना न केवल गलत है बल्कि महिलाओं के साथ नाइंसाफी भी है। हंगामे की वजह से अधीक्षक कार्यालय में भी कामकाज पर असर पड़ रहा है। वहां की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
नर्सों के कार्य बहिष्कार की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें इलाज की चिंता सता रही है। नर्सों ने कल ही अधीक्षक और प्राचार्य को छुट्टी रद्द करने के आदेश को वापस लेने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद जब आदेश वापस नहीं लिया गया तो सभी इकट्ठा होकर घेराव करने के लिए पहुंच गईं।
बिहार में कोरोना के खतरे को देखते हुए डॉक्टर सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां 5 अप्रैल तक रद्द कर दी गई हैं। अस्पताल प्रशासन ने भी नोटिस जारी कर कहा है कि 5 अप्रैल तक कोई भी छुट्टी नहीं दी जाएगी। विभाग ने यह फैसला कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए लिया है।
आदेश के अनुसार छुट्टी पर गए डॉक्टरों को भी तत्काल ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश दिया गया है। वहीं डॉक्टर, संविदा डॉक्टर, मेडिकल अफसर, निदेशक प्रमुख, अधीक्षक, जूनियर रेजिडेंट, सभी स्वास्थ्यकर्मी, पैरा मेडिकल कर्मी और जीएनएम, एएनएम कर्मी 5 अप्रैल तक छुट्टी नहीं ले सकेंगे। पिछले साल भी मरीजों का आंकड़ा बढ़ने पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं।