एनएमसीएच को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाए जाने के बाद पहली बाद डेढ़ दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत एक दिन में हुई है। इसमें पटना सिटी के भी तीन मरीज शामिल हैं। वहीं बुधवार की देर रात लगभग आधा दर्जन मृतक के परिजनों ने इलाज में लापरवाही व कोताही बरते जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा भी मचाया था। जिससे थोड़ी देर के लिए अस्पताल में असमंजस की स्थिति बनी रही। वहीं एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रामचन्द्र ने बताया कि सुरक्षा की मांग को लेकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार पर जाने का निर्णय लिया है।
परिजनों का आरोप है कि वेंटीलेटर की आवश्यकता होने के बावजूद डॉक्टरों द्वारा वेंटीलेटर मुहैया उपलब्ध नहीं कराया गया। मात्र पांच मरीजों को ही वेंटीलेटर पर रखा गया है। जबकि अस्पताल के पास काफी संख्या में वेंटीलेटर उपलब्ध है। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि वीआईपी कैटेगरी के मरीजों को हर तरह की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। बाद में पुलिस व डॉक्टरों के समझाने-बुझाने के बाद परिजन शांत हुए।
एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को 95 नये संक्रमित मरीजों को भर्ती किए जाने से यहां भर्ती मरीजों की कुल संख्या 327 हो गयी है। हालांकि स्वस्थ होने के बाद 10 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया है। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि भर्ती मरीजों में 29 को आईसीयू में, पांच मरीज को आईसीयू के वेंटीलेटर पर व 178 मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया है। फिलहाल कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में 173 बेड खाली है।
जांच बंद होने से मरीजों की बढ़ी परेशानी
एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉली लैब व आरएमआरआई में कोविड-18 की आरटीपीसीआर जांच नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है। जांच के लिए ऐसे मरीजों को या तो निजी लैब में जाना पड़ रहा है या फिर लैब चालू होने का इंतजार किया जा रहा है। दोनों बड़े लैब में लगभग चार से पांच हजार पीड़ित अपना जांच करवाने पहुंचते हैं।
जानकारी के मुताबिक आरएमआरआई के वॉयरोलॉजी लैब के वैज्ञानिक समेत अधिकांशत: लैब टेक्नीशियन कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। इस लैब में पटना समेत पूरे प्रदेश से लगभग तीन से चार हजार कोरोना नमूनों की जांच होती है। जो फिलहाल बंद है। आरएमआरआई के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि लैब समेत संस्थान के अधिकांश वैज्ञानिक व कर्मचारी कोरोना पॉजीटिव हो गए हैं। साथ ही लैब भी प्रभावित हो गया है। नतीजतन लैब के अलावा अन्य कार्य भी बंद हैं।
लैब को सैनेटाइज किया गया है। गुरुवार को लगभग ढाई हजार सैम्पल संग्रह किया गया है। उम्मीद है कि शुक्रवार से लैब चालू हो जाएगा। यही स्थिति एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब का है। विभागाध्यक्ष सह कॉलेज प्राचार्य डॉ. हीरालाल महतो ने बताया कि डॉक्टर समेत जांच संबंधित कर्मी कोरोना पॉजीटिव हो गया है। फिर भी गंभीर मरीजों के लिए गुरुवार से आरटीपीसीआर जांच शुरु किया गया है। उम्मीद है कि सोमवार से नियमित रुप से आरटीपीसीआर जांच शुरु हो जाएंगी। वहीं विभाग को कर्मी की कमी संबंधी सूचना भी भेज दी गई है।
एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब में आरटीपीसीआर से हुए जांच में कोरोना के 142 नमूने पॉजीटिव पाए गए हैं। कॉलेज प्राचार्य सह विभागाध्यक्ष डॉ. हीरालाल महतो ने बताया कि गुरुवार को 376 नमूनों की जांच की गई। जिसमें 142 नमूने पॉजीटिव पाए गए हैं। वहीं दूसरी ओर गुरुगोविंद सिंह सदर अस्पताल में टेक्नीशियन के संक्रमित हो जाने से न तो रैपिड एंटीजन से जांच की गई और न ही आरटीपीसीआर से जांच के लिए नमूने संग्रह किए गए।