पटना- कश्मीर में दो आतंकियों को मार गिराने के बाद शहीद हुए बिहार के लाल शहीद रमेश रंजन का पार्थिव शरीर आज सुबह पटना एयरपोर्ट पहुंचा, जहां शहीद को सलामी देने के बाद श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद उनका पार्थिव शरीर भोजपुर जिला के जगदीशपुर प्रखंड अन्तर्गत पैतृक आवास देव टोला गांव के लिए रवाना कर दिया गया, जहां आज उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दो आतंकियों को मार, शहीद हुआ बिहार का ये लाल
बता दें कि श्रीनगर के कश्मीर में आतंकियों ने बुधवार को पुलिस और सीआरपीएफ की 73वीं बटैलियन की पोस्ट पर हमला किया था और सीआरपीएफ के जवानों ने आतंकियों को इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए दो आतंकियों को मार गिराया, वहीं तीसरा आतंकी घायल हो गया।
इसी दौरान सीआरपीएफ के जवान रमेश रंजन के सिर में गोली लग गई, जिसके इसके बावजूद वह आतंकियों पर गोली चलाते रहे और दो आतंकियों को ढेर करने के बाद शहीद हो गए। घायल तीसरे आतंकी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पिता ने कहा-गर्व है अपने बेटे की शहादत पर
रमेश की शहादात पर उनके परिजनों को फख्र है। देश के दुश्मनों से लोहा लेते शहीद हुए रमेश पर भोजपुर स्थित उसके पैतृक गांव देव टोला के ग्रामीण गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों को अपने सपूत के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार है। पिता ने बेटे की शहादत पर कहा है कि मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आतंकियों को मार गिराया और देश की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी।
रमेश के पिता ने बताया कि मेरा पूरा परिवार सेना में है। शहीद के पिता ने कहा कि सरकार श्रीनगर में ऐसा काम करे कि आतंकी जड़ से मिट जाएं और मेरे बेटे जैसा और किसी का बेटा शहीद न हो।
पिता को फोन पर मिली बेटे की शहादात की सूचना
नगर-बारमुला हाइवे पर लावेपोरो इलाके में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 73वीं बटालियन के जवान रमेश रंजन के शहादत की सूचना दोपहर बारह बजे के बाद रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर पिता राधा मोहन सिंह को मोबाइल पर मिली।
छोटे बेटे की शहादात की सूचना मिलते ही पिता की आंखे भर आईं। दोस्त ने ही पिता को बताया कि सीआरपीएफ जवान रमेश ने तीनों आतंकवादियों के पास हथियार देखे जाने के बाद पहले एक आतंकवादी को मार गिराया। इसके बाद दूसरे आतंकवादी ने शॉल में छिपाकर रखे हथियार से उसे पीछे से गोली मार दी।
दो साल पहले ही हुई थी शहीद रमेश रंजन की शादी
शहीद रमेश रंजन ने वर्ष 2011 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ज्वॉइन किया था और उनकी पहली पोस्टिंग संबलपुर उड़ीसा में हुई थी, फिर इसके बाद उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हो गई थी। उनकी शादी दो साल पहले ही गुड़ी गांव की बेबी देवी से हुई थी।देश की रक्षा में शहीद हुए बेटे को खोने का गम जहां मां और पिता के आंखों में साफ दिखाई दे रहा है वहीं शहादत पर रमेश रंजन के भाइयों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।