(बलिया): भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) में सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा के विरोध में सोमवार को एलआईसी की स्थानीय शाखा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया, क्लास वन एसोसिएशन तथा एआइआइईए ने संयुक्त रूप से सरकार के इस कदम का विरोध किया
इस दौरान आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि बजट में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी का कुछ प्रतिशत आइपीओ के माध्यम से बेचने का प्रस्ताव किया है जो संस्थान हित में नहीं है। इससे एलआइसी की मूल प्रकृति ही नष्ट हो जाएगी। वहीं यह फैसला देश के करोड़ों पॉलिसी धारकों को भी प्रभावित करेगा। आमजन का भारतीय जीवन बीमा निगम से विश्वास भी टूटेगा। वित्तीय परिस्थितियों में एलआइसी राष्ट्र का मदद भी नहीं कर पायेगी।
वक्ताओं ने कहा कि एलआइसी की नींव इतनी मजबूत रही है कि बीमा क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्सेदारी पर अकेले कब्जा है। वहीं बीमा क्षेत्र के अन्य प्रतिस्पर्धी 23 कंपनियां काफी पीछे खड़ी नजर आती हैं। बताया कि इस वित्तीय वर्ष में भी एलआइसी ने काफी प्रगति की है। बावजूद सरकार का यह निर्णय अचंभित करने वाला है। इस निर्णय से एलआइसी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। इस दौरान आइपीओ वापस लो-वापस लो, वित्त मजदूर एकता जिदाबाद के नारे लगाए गए। इस मौके पर विकास अधिकारी अशोक सिंह, रितेश कुमार सिंह, प्रेमशंकर, पीके पांडेय, विनय कुमार, श्यामा चरण शुक्ला, विभोर वर्मा, राजेश कुमार यादव, मुरली धर, शत्रुघ्न सिंह आदि मौजूद थे।