नदियों को प्रदूषित करने के मामले में एनजीटी ने सख्त कार्रवाई की है। मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ समेत छह जिलों पर आठ करोड़ सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जबकि, सहारनपुर नगर निगम को जुर्माने से मुक्त कर दिया गया है। एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने सुनवाई के बाद यह कार्रवाई की है।
बीते बुधवार को एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने दोआबा पर्यावरण समिति बनाम उ.प्र. राज्य मामले की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई की। चेयरमैन जस्टिस एसवीएस राठौर और सदस्य डा. अनूप चंद्र पाण्डेय (पूर्व मुख्य सचिव उ.प्र.) ने सुनवाई के दौरान सात जिलों में हिंडन, काली और कृष्णी नदी को प्रदूषित करने वाले नदियों-नालों की बिंदुवार समीक्षा की। समीक्षा के बाद शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ और बागपत आठ करोड़ 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि, सहारनपुर को जुर्माने से मुक्त कर दिया गया है। 27 नदी नालों को हिंडन, कृष्णी व काली नदी के प्रदूषण का कारण मानते हुए यह जुर्माना लगाया है।
सहारनपुर की ढमोला नदी और नागादेई नदी के प्रदूषण को लेकर शिकायत की गई थी। एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने उक्त सभी जिलों के निगम-निकायों को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पूर्व के वर्षों और गत वर्ष नोटिस भी जारी किए थे। सहारनपुर नगर निगम ने नदियों के प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए निगम में एक पर्यावरण अनुभाग बनाया था। इस अनुभाग द्वारा गत मार्च 2020 से लगातार ढमोला व नागदेई नदियों में 30 से ज्यादा चेक डैम बनाकर जलोपचार व जल प्रबंधन कार्य किया जा रहा था। जिसका प्रभाव भी दिखाई देने लगा है। दोनों नदियों में आक्सीजन का लेवल भी बढ़ा है और अनेक स्थानों पर मछलियां भी दिखाई दे रही है।
निगम के पर्यावरण प्लानर डा. उमर सैफ ने बताया कि एनजीटी द्वारा सभी नदियों की लगातार मॉनेटरिंग की जा रही है। माह के तीसरे सोमवार को नदियों के प्रदूषण को लेकर समीक्षा करते है।
एनजीटी ने नदियों को प्रदूषित करने के मामले में मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली समेत छह जिलों पर आठ करोड़ सात लाख का जुमार्ना लगाया है, लेकिन सहारनपुर के प्रयासों को देखते हुए जुमार्ने से मुक्त किया गया है।