एक्शन में IAS रौशन जैकब: मरीजों से जाकर पूछा दवा मिली या नहीं, पीछे-पीछे दौड़े अफसर

लखनऊ जिले की प्रभारी रौशन जैकब सिल्वर जुबली अस्पताल का निरीक्षण करने निकलीं। वहां जब मेडिकल अफसर से बात कर रही थीं तभी एक मरीज हांफता आया। उसकी हालत काफी खराब थी। प्रभारी ने तुरंत बाकी कार्य छोड़कर मेडिकल स्टाफ के साथ उसकी मदद की। एंटीजन टेस्ट कराया तो निगेटिव था। ऑक्सीजन सपोर्ट सिल्वर जुबली में था नहीं। ऐसे में तत्काल एम्बुलेंस से मरीज को ऑक्सीजन बेड वाले अस्पताल भिजवाया। साथ ही निर्देश दिया कि सीएचसी स्तर पर दो-दो टेस्टिंग शिविर लगवाए जाएं जहां लक्षणों वाले आकर अपनी जांच करा सकें।

रौशन जैकब ने बालागंज और ठाकुरगंज क्षेत्रों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने निर्देश दिया कि टेस्टिंग करने वाली आरआरटी टीमों में लैब टैक्नीशियन दो की जगह एक रखे जाएं। उनके साथ नर्स, आशा या एएनएम को भेजा जाए। इससे टीमों की संख्या बढ़ेगी और ज्यादा मरीजों का समय पर टेस्ट हो सकेगा। स्वास्थ्य विभाग आशा और एएनएम को इस अभियान में शामिल करे। उन्होंने दवा वितरक सदस्यों की सूची लेकर घर घर किट पहुंचाने का निर्देश दिया। आरआरटी टीम के प्रभावी संचालन के लिए चिकित्सा शिक्षा को भी इसमें जोड़ने और जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है।

मरीजों से जाकर पूछा दवा मिली या नहीं ….पीछे पीछे दौड़े अफसर

प्रभारी अधिकारी कई संक्रमितों के घर भी अचानक पहुंच गईं। पीछे अफसर मैडम, मैडम कहते हुए उनको रोकने का प्रयास करते दिखे। उनको अनसुना करते हुए प्रभारी रौशन जैकब ने पूछना शुरू किया कि दवा के किट मिले कि नहीं। इस पर जहां संबंधित सीएचसी के स्वास्थ्य अधिकारी कुछ कदम पीछे खिसक लिए वहीं सामने आला अफसर को देखकर संक्रमितों के परिवार ने सच बता दिया। किसी को किट की जानकारी ही नहीं थी। किसी को किट मिली लेकिन उसमें आधी दवाएं गायब थीं। इस पर प्रभारी अधिकारी ने नाराजगी जताते हुए सबकी जिम्मेदारी तय करने की बात कही। कहा कि दवा वितरण व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा।

अस्पताल आवंटन आसान करने के निर्देश

स्मार्ट सिटी सभागार में बैठक कर रौशन जैकब ने अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया आसान करने के निर्देश दिए जिससे देरी न हो। मरीज की जान बचाई जा सके। प्रभारी अधिकारी ने अफसरों को संवेदनशीलता अपनाने को कहा। यह भी कहा कि जब हालत बिगड़ने लगती है तो समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बच जाती है। देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी निजी कोविड हास्पिटल में बेड उपलब्ध है और हास्पिटल रोगी से सीएमओ की चिट्ठी मांगता है तो उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कोई कमी नही है सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। यदि अस्पतालऑक्सीजन की कमी के नाम पर कोविड रोगी को भर्ती करने से मना किया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com