उत्तराखंड में कोरोना: एम्स ऋषिकेश में कोरोना संक्रमित का निधन, मिले थे ब्लैक फंगस के लक्षण भी

अल्मोड़ा के चौखुटिया में ग्राम पंचायत झुडंगा निवासी डॉक्टर दीपक सिंह के पिता जीवन सिंह का निधन हो गया है। वे कोरोना से संक्रमित थे, उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण भी मिले थे। अल्मोड़ा जिले में ब्लैक फंगस का यह पहला मामला है।

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उन्हें बेस अल्मोड़ा से सुशीला तिवारी हल्द्वानी व बाद में एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में अंतिम सांस लीl वे एक माह तक कोरोना से जंग लड़ते रहे और अंत में निधन हो गया। वे विद्युत विभाग से सेवानिवृत्त थे।

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कुमाऊं में ब्लैक फंगस के दो और मरीज मिले

इससे पहले कुमाऊं में मंगलवार को ब्लैक फंगस के दो और मरीज मिले। ये दोनों मरीज नैनीताल और सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मिले। दोनों जिलों में ब्लैक फंगस के ये पहले मामले में हैं। इसके साथ ही कुमाऊं में इस बीमारी के अब तक छह मामले मिल चुके हैं। इनमें दो मरीज ऊधमसिंह नगर और एक अल्मोड़ा जिले में मिला है। इधर, हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भी ब्लैक फंगस का संदिग्ध रोगी भर्ती हुआ है। हालांकि उसमें अभी ब्लैक फंगस की पुष्टि नहीं हुई है।  

हल्द्वानी निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति को कुछ समय पहले कोरोना हुआ था। उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में कृष्णा हास्पिटल में भर्ती कराया गया। कृष्णा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरभजन सिंह ने बताया कि यह पोस्ट कोविड रोगी है, जो बीते दिनों सिरदर्द, फेशियल पाल्सी, जबड़े और आंखों में परेशानी की शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंचा था।

इसके बाद ईएनटी के डॉक्टर, न्यूरो फिजिशियन आदि की टीम ने रोगी की जांच की। डॉ. सिंह ने बताया कि ट्रीटमेंट शुरू करने के साथ सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। डॉ. सिंह ने बताया कि रोगी के इलाज के लिए एंटी फंगल दवा की जरूरत है, जिसकी उपलब्धता में समस्या आ रही है। इसे उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है। रोगी की दोबारा कोरोना जांच भी कराई जा रही है। 

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