(बलिया): आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले ग्राम प्रधानों पर तलवार लटक रही है। कभी भी उनके खिलाफ जांच शुरू हो सकती है।
पंदह ब्लॉक के ग्रामसभा हरिपुर प्रधान के खिलाफ एक आरटीआई कार्यकर्ता ने पंचायती राजमंत्री भूपेन्द्र चौधरी समेत जिलाधिकारी को पत्रक सौंप कर विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने की मांग की है। आरोप है कि प्रधानपति ने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए राज्य वित्त, चौदहवें वित्त व मनरेगा के तहत कराए गए विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितता बरती है और लाखों का गोलमाल किया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने प्रधान उसके परिवार की संपत्ति की जांच एसआईटी से कराने की मांग पंचायतीराज मंत्री से की है। मुख्य विकास अधिकारी बद्री नाथ सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले ग्राम प्रधानों के खिलाफ विभागीय जांच कराने का संकेत दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि वित्त वर्ष 2016-17, 17-18 व 18-19 में ग्रामसभा को राज्य वित्त, चौदहवें वित्त, शौचालय व मनरेगा से तकरीबन एक करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। उक्त धनराशि को प्रधानपति व ग्राम पंचायत अधिकारी ने मिलीभगत कर मौटी रकम डकार ली है। यही नहीं चुनाव से पूर्व प्रधान ने अपने घोषणा पत्र में कुल 5000 नकद, एक बजाज बॉक्सर बाइक व पैतृक मकान का दर्शाया था, जबकि प्रधान बनने के बाद प्रधानपति समेत परिवार के अन्य सदस्यों की चल व अचल सम्पति में कई गुना वृद्धि हुई है। कार व ट्रैक्टर के अलावा गांव व पड़ोसी ग्रामसभा समेत गैर जनपद में कई जगह जमीन भी खरीदी गयी है। यहां तक कि खड़सरा में लबे सड़क जमीन खरीदकर तीन कमरों का नया मकान भी बनवाया गया है।
प्रधान ने सरकार से मिली धनराशि में भ्रष्टाचार करके आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इनके परिवार के सदस्यों के नाम से विभिन्न बैंक खातों में लाखों की संपत्ति जमा है। शिकायतकर्ता ने जिलास्तरीय अधिकारियों समेत पंचायतीराज मंत्री को प्रमाण के साथ शिकायती पत्र भेजकर प्रधान द्वारा अभी तक कराए गए गए समस्त विकास कार्यों की जांच कराने व आय से अधिक सम्पति की जांच की मांग की है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि न्यान न मिलने की दशा में हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है।