कोरोना वायरस का टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसकी वैक्सीन कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी है। कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट पूरी दुनिया के सामने एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए इसी डेल्टा वैरिएंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
फिलहाल डेल्ट वैरिएंट म्युटेंट होकर अब डेल्टा प्लस का रूप ले लिया है। भारत में और यूके और यूएस सहित कुछ अन्य देशों में भी कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। नए वैरिएंट मिलने के बाद से भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों यह रिसर्च करने में जुट गई हैं कि उसका टीका इनके खिलाफ कितना प्रभावी है।
कितनी फीसदी प्रभावी है वैक्सीन?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कहा है कि इज़राइल में फाइजर के चिकित्सा निदेशक एलोन रैपापोर्ट ने स्थानीय प्रसारक आर्मी रेडियो को बताया है कि लैब में चल रही रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ उसकी वैक्सीन 90 फीसदी तक प्रभावी है। फाइजर के इस बयान से भारत सरकार को भी राहत मिलेगी।
टीके की आपूर्ति के लिए बातचीत आखिरी चरण में
क्योंकि फाइजर भारत में टीके की आपूर्ति के लिए पूरी तरह तैयार हैं बस सरकार से अनुमति मिलने की देरी है। ऐसे में भारत में व्यापक स्तर पर चल रहे टीकाकरण अभियान को और गति मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा रहे दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। भारत में फिलहाल तीन टोंको को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी शामिल है।