आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र के मित्तूपुर समेत आसपास के गांव में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर में छह ने दम तोड़ दिया है। आरोप है कि इसके बाद भी जनपद पुलिस व प्रशासनिक अमला जिले में अवैध शराब कारोबार के होने से इंकार कर रहा है। साथ ही अब तक हुई 22 मौतों को भी नकारने में जुटा है।
जहरीली शराब की बरामदगी के बजाए पुलिस महकमा सिर्फ घटना को छिपाने की जुगत में ही अब तक लगा हुआ है। वहीं, 22 मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने छापेमारी कर भारी मात्रा में जहरीली शराब की खेप को पकड़ लिया है। अपनों की सुरक्षा व दोषियों पर कार्रवाई का मन अब मित्तूपुर के लोगों स्वयं बना लिया है।
पवई थाना क्षेत्र के मित्तूपुर में पुलिस की शह पर अवैध रूप से शराब की बिक्री काफी दिनों से की जा रही है। रविवार से मित्तूपुर के साथ ही आसपास के गांव में जहरीली शराब पीने से मौत का सिलसिला शुरू हुआ। बुधवार की देर शाम तक जिले में कुल 22 लोगो की मौत हो चुकी थी, छह लोग अंबेडकरनगर जिले में भी मरे हैं।
इसके बाद भी जिले का प्रशासनिक व पुलिस महकमा जहरीली शराब की घटना में कार्रवाई के बजाए इसे छुपाने में ही जुटा नजर आया। एसपी के साथ ही डीएम भी जिले में शराब के सेवन से एक की मौत को मानने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं लेखपाल को गांव में भेज कर मुआवजा देने के नाम पर कागज पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे है और उसमें रिपोर्ट सर्दी-खांसी, बुखार से मौत की लगाई जा रही है।
अमर उजाला ने गुरुवार के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। वहीं ग्रामीण बुधवार की रात से गुरुवार की सुबह तक छापेमारी कर भारी मात्रा में जहरीली शराब की खेप बरामद की है। यह काम एसपी को करना चाहिए था लेकिन वे तो सिर्फ घटनाक्रम को छिपाने में ही जुटे रहे।