पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की बेटी संगीता मिश्रा की मौत के मामले में भले ही प्रशासन ने अस्पताल को क्लीन चिट दे दी हो, लेकिन परिवार को जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। पं. छन्नूलाल मिश्र की छोटी बेटी डॉ. नम्रता मिश्रा ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि दाल में कुछ काला है।
मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद डॉ. नम्रता मिश्रा ने कहा कि जांच रिपोर्ट और वास्तविकता में जमीन आसमान का अंतर है। हम लोगों ने जब दीदी संगीता मिश्रा को अस्पताल में जिस कपड़े में भर्ती कराया था उसी कपड़े में उनका शव हमें मिला। सात दिनों तक उनके कपड़े तक नहीं बदले गए और रिपोर्ट में सब कुछ ओके दिखाया गया है।
प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर हम लोगों को कोई भरोसा नहीं है। पिताजी तो अब कुछ बोल ही नहीं पा रहे हैं, जांच रिपोर्ट मिलने के बाद से वह स्तब्ध हैं। हम लोगों ने सीएम को मेल करके अपनी शिकायत दर्ज करा दी है और उनसे मिलने का भी समय मांगा है। मेल में उन्होंने सीएम से न्याय की गुहार लगाई है। संभावना है कि सोमवार या मंगलवार को सीएम से मुलाकात हो सकती है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि अस्पताल की ओर से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया जाना और हर बार अलग-अलग बयान देना जाहिर करता है कि दाल में कुछ काला है। जांच समिति भले ही उनकी बहन की मौत को स्वाभाविक बता रही हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। शनिवार की रात करीब साढ़े नौ बजे डिप्टी सीएमओ डॉ. पीयूष राय ने घर जाकर जांच रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट में मैदागिन स्थित मेडविन अस्पताल को क्लीन चिट दी गई है। जांच कमेटी के मुताबिक इलाज में मेडविन अस्पताल की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि संगीता मिश्रा को प्रतिदिन समय से भोजन कराया जाता रहा है। उनके कपड़े भी प्रतिदिन बदले जाते थे।
उनके स्वास्थ्य के विषय में स्वजनों को प्रतिदिन जानकारी दी जाती थी। हालात बिगड़ने पर भी देर रात उनके स्वजनों को फोन करके बताया गया था। उनके निधन की सूचना भी अस्पताल प्रबंधन ने दी थी। कमेटी ने सभी बिंदुओं पर जांच करके रिपोर्ट में लिखा है कि एक मरीज के साथ जो भी इलाज में प्रक्रिया अपनानी चाहिए अस्पताल प्रबंधन ने उसका बखूबी निर्वहन किया है।
सीसीटीवी फुटेज ही हो गई डिलीट, पूरा हुआ जांच का कोरम
वाराणसी जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की बेटी संगीत मिश्रा की मौत के मामले में तो जांच रिपोर्ट ही संदेह के दायरे में है। परिजनों को पहले से ही शक था कि सीसीटीवी फुटेज डिलीट हो सकती है और ऐसा ही हुआ। जब सीसीटीवी फुटेज पहले ही डिलीट कर दी गई तो आखिर जांच का कोरम केवल मेडविन अस्पताल के प्रबंधन से पूछताछ कर लिया गया।