अब बिल्डर्स रेरा पंजीयन के बिना नहीं बेच पाएंगे जमीन और आवास

अब आने वाले समय में  रेरा में पंजीयन के बाद ही कालोनाईजर व बिल्डर रजिस्ट्रियां करवा सकेंगे। उन्हें पंजीयन के लिए 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है। इसके तहत डेवलपरों को नए और पुराने प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिले में करीब हजारो कॉलोनियां हैं और महीने में औसतन 600 रजिस्ट्रियां होती हैं। इनमें से 70 प्रतिशत प्लाट्स की रजिस्ट्रियां होती हैं। रेरा के प्रावधान उपभोक्ता एवं कृषि भूमि पर लागू नहीं होंगे।
26 मार्च 2016 को एक्ट हुआ था पारित यूपी ने योगी सरकार बनने के बाद एक्ट लागू हुआ।

उपपंजीयक आरआर श्रीवास्तव ने बताया कि आने वाले समय में   प्रदेश भर के समस्त वरिष्ठ जिला पंजीयकों को बिल्डर्स द्वारा निष्पादित दस्तावेजों में रेरा पंजीयन कराए जाने का आदेश जारी किया गया है। एक 26 जुलाई  2017 से पूरे प्रदेश में लागू हो गया है।

यूपी भू संपदा विनियामक प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा 26 मार्च 2016 को रियल स्टेट रेग्यूलेशन एंड डव्ल्पमेंट एक्ट पारित कर कर दिया था। एक्ट के तहत धारा 3(1) के अनुसार संप्रवर्तक एवं बिल्डर्स को रियल एस्टेट विनियामक के समक्ष पंजीयन कराये बगैर अपनी संपत्ति की बिक्री किए जाने पर प्रतिबंधित किया गया है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की परिधि में में प्रमोटर्स, रियल एस्टेट एजेंट आएंगे जो व्यवसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट उपभोक्ताओं के लिए लाएंगे और जिनकी मार्केटिंग की जाएगी।

अवैध कालोनी निर्माण पर होगा नियंत्रण

विभागीय अधिकारियों का मानना है कि रेरा एक्ट की वजह से अवैध कालोनियों के निर्माण पर शिकंजा कसा जा सकता है। विभागीय सूत्रों का मानना है कि अगर रेरा एक्ट के तहत पंजीयन कराए बिना बिल्डर्स प्लाट या आवास बेचते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस एक्ट के पालन कराने के लिए शासन महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक व वाणिज्यिक कर विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है।

प्लाट व आवास खरीदने से पहले पता करें पंजीयन

सरकार तो बिल्डर्स पर रेरा एक्ट से शिकंजा कसने जा रही है,लेकिन उपभोक्ता भी किसी भी कालोनी में प्लाट व आवास खरीदने से पहले बिल्डर्स से रेरा पंजीयन के प्रमाण दस्तावेज देखने के बाद ही खरीदें ताकि वे सुविधाओं से वंचित न हो सकें। सूत्रों के मुताबिक शहर में 70 से ज्यादा कालोनियां अवैध हैं। जिनमें सुविधाएं मौजूद नहीं है। क्षेत्रवासी बार-बार सुविधाएं जैसे सड़क,बिजली,नाली और गार्डन की मांग करते नजर आ रहे हैं,लेकिन उनमें अब तक विकास नहीं हो पाया है। संभावना जताई जा रही है कि रेरा एक्ट से इन कालोनियों में काफी हद तक शिकंजा कसा जा सकता है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com