मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते सवा चार वर्षों में यूपी में सरकारी पदों पर हुई हर भर्ती ने शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी की मिसाल कायम हुई है। वर्ष 2017 के पहले जिस यूपी में भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और वसूली की पारिवारिक महाभारत की भेंट चढ़ जाती थी, वहां चार लाख से अधिक पदों पर हुई नियुक्तियों में से एक पर भी सवाल नहीं किया जा सकता। यह नई कार्य संस्कृति, नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की है।
यहां भ्रष्टाचार के लिए जगह नहीं, प्रतिभा का सम्मान है। सीएम शुक्रवार को जेल वार्डर, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन के पदों पर चयनित 5805 युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने 12 नवचयनित अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति-पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले तक यूपी की जेलें अपराधियों-गुंडों के लिए आरामगाह और गिरोह संचालन का केंद्र हुआ करती थीं। यहां पग-पग पर भ्रष्टाचार और अराजकता थी। आज जेलों में अपराधी पुलिस के नाम से खौफ खाते हैं। सवा चार वर्षों में हुए इस बदलाव में डीजीपी से लेकर सिपाही तक की भूमिका है। यह बदलाव टीम वर्क का परिणाम है।
यूपी को मिले साढ़े चार लाख करोड़ के प्रस्ताव
बीते सवा चार वर्षों में चार लाख से अधिक पदों पर हुई नियुक्तियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रदेश में कुछ लोग केवल भर्ती प्रक्रिया अटकाने के लिए प्रयासरत रहते हैं वहां अकेले पुलिस में डेढ़ लाख नियुक्तियां करना आसान काम नहीं था। जब पहले इन्वेस्टर समिट की बात आई तो लोगों ने कहा कि यूपी में कौन आएगा निवेश के लिए। ऐसे में खुद प्रयास किया और एक ही दिन में दो लाख 10 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले। पहली इन्वेस्टर समिट में साढ़े चार लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, जो अब जमीन पर उतरने लगे हैं।
बिना सिफारिश के नौकरी मिली तो काम में भी दिखे ईमानदारी
नवचयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बगैर सिफारिश के प्रतिभा के अनुसार चयन हुआ है तो सेवाकाल में ईमानदारी का भाव भी होना चाहिए। नौकरी के एवज में मिलने वाला वेतन जनता के सहयोग से दिया जाता है तो जवाबदेही भी जनता के प्रति होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अरसे बाद फायरमैन और घुड़सवार पुलिस के पदों पर भर्ती होने पर भी खुशी जताई। साथ ही महिलाओं के चयन पर प्रसन्नता जताई। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजकुमार विश्वकर्मा ने बोर्ड की पारदर्शी कार्यसंस्कृति के बारे में जानकारी देते हुए भावी कार्यक्रमों से परिचित कराया।