सूबेदार पेंशन का पुनर्निर्धारण 1996 से ही लागू होगा : सेना कोर्ट

लाखों भूतपूर्व फौजियों को मिलेगा निर्णय का लाभ : विजय पाण्डेय

लखनऊ : सेना कोर्ट लखनऊ ने आगरा निवासी सूबेदार (रि.) महेंद्र सिंह को 1 जनवरी, 1996 से चार महीने के अन्दर ग्रुप-वाई की पेंशन नौ प्रतिशत व्याज के साथ दिए जाने का आदेश दिया, प्रकरण यह था कि रिटायर्ड सूबेदार महेंद्र सिंह वर्ष 1986 में सेना की मैकेनिकल ट्रेड में भर्ती होकर 28 वर्ष की सेवा के पश्चात 1996 में सर्वोत्तम चरित्र के साथ सेवानिवृत्त हुआ था, याची ने अपने अधिकार के लिए रक्षा-मंत्रालय, भारत सरकार, आफिसर इंचार्ज सिंग्नल एवं सेना के मुख्य वित्तनियंत्रक से व्यक्तिगत एवं लिखित रूप से कई बार संपर्क किया लेकिन उसकी जायज मांग को उन्होंने ख़ारिज कर दिया, उसके बाद उसने वर्ष 2014 में ओ.ए. नं. 240/2014, महेंद्र सिंह बनाम भारत सरकार आदि सेना कोर्ट दायर की और उनके निर्णयों को चुनौती दी l

न्यायालय में याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने याची का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रकाश चंद बनाम भारत सरकार एवं भारत सरकार बनाम जय नारायण जखर आदि मामलों में उच्चतम न्यायलय एवं सेना कोर्ट की कई पीठों ने यह कहा है कि सूबेदार ग्रुप-वाई की पेंशन का पुनर्निर्धारण 1 जनवरी, 1996 से ही लागू होगा तिथि को आधार बनाकर ख़ारिज नहीं किया जा सकता, अधिवक्ता विजय पाण्डेय ने यह भी दलील दी कि रक्षा-मंत्रालय भारत सरकार का यह कहना कि याची 10 अक्तूबर, 1997 के पहले रिटायर हो गया था इसलिए उसकी पेंशन पुनर्निर्धारित नहीं करेंगे, गलत है, जिसके विपरीत भारत सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी और कहा कि याची की मांग को ख़ारिज करना किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं है, सरकार ने किसी नियम की अनदेखी नहीं की है, इसलिए याची का मुकदमा जुर्माने के साथ ख़ारिज किया जाय लेकिन सेना कोर्ट के न्यायमूर्ति एसवीएस राठौर एवं न्यायमूर्ति बीबीपी सिंहा की खण्ड-पीठ ने सरकार की दलील को ख़ारिज करते हुए कहा कि याची की पेंशन 1 जनवरी, 1996 से पुनर्निर्धारित न करना गलत है और निर्णय सुनाया कि पेंशन का पुनर्निर्धारण अन्य सभी संबंधित लाभों के साथ करके याची को उसका एरियर दिया जाय, खण्ड-पीठ ने यह भी कहा कि यदि निधारित तिथि के अन्दर भुगतान नहीं किया गया तो याची भारत सरकार से नौ प्रतिशत व्याज प्राप्त करने का भी हकदार होगा, एऍफ़टी बार एसोसिएशन के प्रवक्ता एवं याची के अधिवक्ता रहे विजय कुमार पाण्डेय ने मीडिया को निर्णय की प्रति उपलब्ध कराते हुए कहा कि इस निर्णय का लाभ लाखों भूतपूर्व सैनिकों को मिलेगा।

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