वित्त वर्ष 2026 में भारत की 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड 6.25-6.55 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2026 में भारत के 10 वर्षीय बॉन्ड पर यील्ड 6.25-6.55 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। यह जानकारी शनिवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के सुव्यवस्थित उधार कार्यक्रम भारत के यील्ड कर्व के एक बड़े हिस्से को मोटे तौर पर स्थिर करने का संकेत देता है। इस कार्यक्रम में अल्पावधि में प्रतिभूतियों की अधिक आपूर्ति शामिल है।

अर्थशास्त्री दीपनविता मजूमदार ने कहा, आरबीआई के उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि लिक्विडिटी यील्ड कर्व के व्यवस्थित विकास के लिए सहायक होगी। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में भारत का 10 वर्षीय यील्ड 6.25-6.55 प्रतिशत के बीच रहेगा।

वित्त वर्ष 2025 में भारत के 10 वर्षीय यील्ड का ट्रेजेक्टरी दिलचस्प रहा है। वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में यील्ड में कुछ हद तक स्थिरता देखी गई, क्योंकि अप्रैल में, स्थिर मुद्रास्फीति डेटा और सख्त श्रम बाजार स्थितियों के कारण यूएस 10 ईयर यील्ड में 48 बीपीएस की वृद्धि हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ठीक ऐसी ही स्थिति भारत की 10 ईयर यील्ड में भी दिखी, जो इसी अवधि के दौरान उच्च स्तर पर रही।

हालांकि, फेड द्वारा आरबीआई से पहले ही रेट कट साइकल में कदम रखने के बाद यूएस 10 ईयर यील्ड में सहायक रुख के बाद घरेलू यील्ड में तेजी आई।

इसके साथ ही भारत के वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में शामिल होने (शामिल होने की आधिकारिक तिथि: 28 जून) और राजकोषीय फ्रेमवर्क ने यील्ड को सीमित रखा।

हालांकि, आरबीआई द्वारा ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) के माध्यम से प्रतिभूतियों की बढ़ती मांग के कारण यील्ड पर इसका प्रभाव काफी हद तक सीमित रहा।

घरेलू यील्ड का दूसरा महत्वपूर्ण चालक वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में भारत की अहमियत बढ़ाना रहा, जिसने विशेष रूप से फुली एक्सेसिबल रूट (एफएआर) के जरिए महत्वपूर्ण एफपीआई प्रवाह प्राप्त किया है।

अन्य कारकों जैसे कि बैंकों, एमएफ और पीएफ से मांग की स्थिति में उछाल ने भी यील्ड को समर्थन दिया है, खासकर ऐसे माहौल में जब सिस्टम में लिक्विडिटी कम रही।

 

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube