राजधानी शिमला के होटलों में 65 फीसदी ऑक्यूपेंसी

राजधानी में शनिवार को ट्रैफिक जाम ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। वहीं शहर के होटलों में शनिवार को 65 फीसदी ऑक्यूपेंसी रही। सैलानियों के वाहनों की अवैध पार्किंग से कई जगह जाम भी लगता रहा। ढली से ओल्ड बस स्टैंड तक महज 6 किलोमीटर के सफर में लोगों को एक घंटे से अधिक समय लग गया।

सैलानियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर रौनक है। आम तौर पर यह दूरी 25 से 30 मिनट में तय हो जाती है, लेकिन सुबह और शाम दोनों समय पीक ऑवर्स में वाहन रेंगते रहे। ढली-संजौली बाईपास से नवबहार और छोटा शिमला से पेट्रोल पंप तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। इस दौरान ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

स्थानीय वाहन मालिक गंगाराम, आकाश और राहगीर सानिया, हरप्रीत, गंगाराम ने बताया कि वह शाम 5:20 बजे ढली से वाहन में ओल्ड बस स्टैंड के लिए निकले, लेकिन करीब 6:20 बजे बस ओल्ड बस स्टैंड पहुंच पाए। इस दौरान ढली-संजौली बाईपास से नवबहार तक वाहनों की कतारें लग गई। छोटा शिमला से पेट्रोल पंप तक भी वाहन कतारों में लगे रहे। इसमें करीब 6 किमी के सफर में एक घंटा लग गया।

वीकेंड पर शहर के उपनगरों में भी जाम

वीकेंड पर सुबह और शाम को शहर के उपनगरों में भी जाम की स्थिति बनी रही। लक्कड़ बाजार, ऑकलैंड टनल, बीसीएस, खलीनी, बालूगंज, क्रॉसिंग और हसनवैली क्षेत्र में वाहन चालकों को रेंग-रेंगकर आगे बढ़ना पड़ा। बीसीएस से लेकर खलीनी चौक तक वाहनों की कतारें लगी रही। बीसीएस से हिमलैंड आ रहे हरिकृष्ण ने बताया कि शनिवार को 15 मिनट के सफर में 45 मिनट लग गए। पूरे रास्ते बस ब्रेक और एक्सीलेटर पर पैर रखे रहना पड़ा।

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