यूपी: भारत लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के बाद रविवार तड़के अपने वतन भारत लौट आए। शुभांशु शुक्ला पिछले एक साल से आईएसएस के लिए एक्सिओम-4 मिशन के प्रशिक्षण के लिए अमेरिका में थे। उनका दिल्ली में हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने स्वागत किया। शुभांशु के बैकअप अंतरिक्ष यात्री प्रशांत बालकृष्णन नायर भी स्वदेश लौट आए।

मोदी से मिल सकते हैं शुभांशु

शुभांशु शुक्ला के जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं। इसके बाद वे अपने गृहनगर लखनऊ के लिए रवाना हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि शुभांशु 22-23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए वापस राजधानी लौट सकते हैं।

इससे पहले शनिवार को शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर हवाई जहाज में बैठे हुए अपनी एक मुस्कुराती हुई तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि अमेरिका छोड़ते समय उनके मन में मिलीजुली भावनाएं थीं। वे अपना अनुभव देशवासियों के साथ साझा करने के लिए भारत लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने लिखा, ‘भारत वापस आने के लिए विमान में बैठते ही मेरे मन में मिलीजुली भावनाएं उमड़ रही थीं। मुझे उन शानदार लोगों को पीछे छोड़कर जाने का दुख हो रहा है, जो इस मिशन के दौरान पिछले एक साल से मेरे दोस्त और परिवार थे। मैं मिशन के बाद पहली बार अपने सभी दोस्तों, परिवार और देश के सभी लोगों से मिलने के लिए भी उत्साहित हूं।’

मां-पिता बोले हमने महीनों इस पल का इंतजार किया

पिता शंभु दयाल शुक्ला ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि बेटा अपने मिशन में सफल होकर भारत लौट रहा है। हमारी इच्छा उससे जल्द से जल्द मिलने की है, इसलिए हम लोग दिल्ली जा रहे हैं। हमारे जीवन का यह यादगार पल है कि हमारा बेटा अपने मिशन में कामयाब होकर देश लौट रहा है।उन्होंने आगे कहा कि गगनयान के लिए पीएम मोदी की ओर से शुभांशु शुक्ला को पहले ही संकेत दिया जा चुका है। गगनयान का मिशन चल रहा है और 2027 में जाने का उनका विचार है। इस मिशन से वे पहले से जुड़े हुए थे लेकिन अब वे इसे लीड करेंगे। वे अब इसकी तैयारी में लगेंगे और 2027 में मिशन को लेकर जाएंगे।

शुभांशू शुक्ला की माता आशा शुक्ला ने कहा कि हम बीते एक महीने से इंतजार कर रहे थे कि कब वे भारत वापस लौटेंगे; अब जब वो आ रहे हैं तो हमें काफी खुशी हो रही है। वे कहां रहेंगे ये तो इसरो ही बता सकता है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मेरे बेटे को पहले ही गगनयान मिशन के लिए चुना गया था,

Related Articles

Back to top button
X (Twitter)
Visit Us
Follow Me
YouTube
YouTube