पंजाब: बाढ़ प्रभावित गांवों और कस्बों में स्कूल खोलने के लिए नए आदेश जारी

भारी बरसात और पानी से बुरी तरह प्रभावित अजनाला शहर के वार्ड नं. 10 स्थित भाखा तारा सिंह के सरकारी एलीमैंट्री स्कूल को बच्चों के बैठने और पढ़ाई लायक बनाने के लिए स्कूल परिसर में उगी झाड़ियां, घास और कमरों की सफाई हेतु एक बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व हल्का शिक्षा कोऑर्डिनेटर एडवोकेट अमनदीप कौर धालीवाल ने किया, जबकि पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने स्वयं झाड़ू और पाइप चलाकर सफाई की।

इसके परिणामस्वरूप विद्यार्थियों के कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में उच्च शिक्षा के लिए जाने के रुझान पर रोक लगी है। मान सरकार द्वारा पंजाब में उच्च शिक्षा के लिए बनाए गए अनुकूल वातावरण के चलते अब कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य तकनीकी व शैक्षिक संस्थानों में दाखिलों के प्रति उत्साह देखा जा रहा है और कोई सीट खाली नहीं बची। जबकि पहले लंबे समय से कॉलेजों में सीटें खाली रहना पंजाब के लिए चिंता का विषय बना हुआ था।

धालीवाल ने कहा कि भविष्य में भी सरकार का लक्ष्य यही रहेगा कि उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों का विदेशों की ओर बड़े पैमाने पर पलायन न हो। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बढ़ते दाखिले इस बात पर मोहर लगाते हैं कि पंजाब शिक्षा क्रांति का हब बन चुका है। उन्होंने आगे बताया कि अजनाला क्षेत्र के लगभग सभी स्कूल बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें 44 सरकारी स्कूलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिनमें 31 प्राइमरी और 13 सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 23 सितंबर (मंगलवार) से बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है।

जिला प्रशासन ने 4 स्कूलों को असुरक्षित घोषित किया है, जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन स्कूलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, वहां के बच्चों को नजदीकी गांवों के स्कूलों में भेजने का प्रबंध किया जाए और जिन स्कूलों के कुछ कमरे असुरक्षित हैं, उन्हें बंद रखा जाए। बाकी स्कूल 23 सितंबर से सामान्य दिनों की तरह खुलेंगे।

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