
अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले यात्रियों को रास्ते में साफ-सुथरे ढाबे, शौचालय, पार्किंग और ट्रॉमा सेंटर जैसी सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। केंद्र सरकार ने हमसफर नीति के तहत ऐसी व्यापक व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत पूरे देश में हर 50 किलोमीटर पर आराम और विराम केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन केंद्रों की गुणवत्ता और सेवा का स्तर तय मानकों पर परखा जाएगा।
इस दिशा में नेशनल हाईवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब सभी ढाबों, पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट, वाशरूम, ट्रॉमा सेंटर और पार्किंग स्थलों की वार्षिक रेटिंग और मॉनिटरिंग होगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को सुविधा मानक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाए।
देश में हर साल लाखों लोग राजमार्गों पर यात्रा करते हैं, लेकिन अब तक यात्रियों के ठहरने, भोजन या स्वच्छता की कोई एकीकृत प्रणाली नहीं थी। हमसफर नीति इसी कमी को पूरा करने के लिए तैयार की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने हालिया बयान में कहा था कि राजमार्गों पर सुविधाएं केवल ढांचे नहीं, बल्कि यात्रियों की गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा दायित्व हैं। बीते साल अक्तूबर में केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस हमसफर नीति लांच की थी। इसके तहत अब निजी एजेंसी नियुक्त की जाएगी। इसके लिए निविदा जारी कर दी गई है।
एजेंसी को तीन प्रमुख कार्य करने होंगे
पहला ढाबों, पेट्रोल पंपों और रेस्टोरेंट्स के पंजीकरण दस्तावेजों की जांच। दूसरा स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, पार्किंग व्यवस्था, शौचालय की सफाई, पानी, रोशनी और सुरक्षा के आधार पर 1 से 5 स्टार तक रेटिंग दिया जाएगा। तीसरा हर वर्ष निरीक्षण कर यह देखना कि सुविधाएं मानकों पर खरी उतर रही हैं या नहीं। इसके अलावा सरकार ने यात्रियों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया है। राजमार्ग यात्रा एप के जरिए हर यात्री अपनी राय या शिकायत दर्ज कर सकेगा। अगर किसी ढाबे या स्टेशन की रेटिंग लगातार दो महीने तक 2.5 स्टार से कम रही, तो उसका लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।
ट्रॉमा सेंटर और आपात सेवाएं भी शामिल…
राजमार्गों पर हर 100 किलोमीटर के दायरे में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस सेवा और अपना घर जैसे विश्राम केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। इन केंद्रों में प्राथमिक चिकित्सा, विश्राम कक्ष, शिशु कक्ष और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आराम स्थल जैसी सुविधाएं होंगी। पहले चरण में यह व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग -44 (दिल्ली–कन्याकुमारी), एनएच-48 (दिल्ली–मुंबई) और एनएच-19 (दिल्ली–कोलकाता) जैसे प्रमुख कॉरिडोर पर शुरू की जा रही है। इसके बाद इसे देशभर के सभी 80,000 किलोमीटर से अधिक लंबे राजमार्ग नेटवर्क तक विस्तारित किया जाएगा।
यात्रियों को मिलेगा फायदा
यात्रा के दौरान सुरक्षित और स्वच्छ ठहराव स्थल
मोबाइल ऐप पर सभी सुविधाओं की रेटिंग देखने की सुविधा
शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई
छोटे ढाबा मालिकों को सरकारी मान्यता और ग्राहक विश्वास



