जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में कांटे की टक्कर, वाम बनाम एबीवीपी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ चुनाव को लेकर सेंट्रल पैनल के चारों पद पर वामपंथी छात्र संगठन के उम्मीदवारों की बढ़त खबर लिखे जाने तक जारी रही। हालांकि महासचिव पद पर वामपंथी उम्मीदवार और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) उम्मीदवार के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है।

देर रात तक को 1100 से अधिक वोट की गिनती को लेकर आंकड़े आ चुके थे। सेंट्रल पैनल में अध्यक्ष पद पर वामपंथी उम्मीदवार (आइसा) अदिति मिश्रा को 443 वोट, एबीवीपी से विकास पटेल को 308 वोट, प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन से शिंदे विजयलक्ष्मी को 312, एनएसयूआई के विकास को 60, बापसा से राज रत्न राजोरिया को 48, निर्दलीय उम्मीदवार अंगद सिंह को 31 और दिशा छात्र संगठन से शिरसावा इंदू को 26 वोट मिले।

जबकि अध्यक्ष पर नोटा को 30, अवैध वोट 11 और खाली वोट दस रहे। इस बार अध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा सात उम्मीदवार दावेदार है। इस बार लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान के लिए 9043 वोटर पंजीकत थे। अंतिम परिणाम छह नवंबर को जारी किया जाएगा।

उपाध्यक्ष पद की वामपंथी उम्मीदवार (एसएफआई) गोपिका बाबू को 661, एबीवीपी उम्मीदवार तान्या कुमारी को 379 और एनएसयूआई से शेख शाहनवाज आलम को 95 बोट मिले। नोटा को 105, अवैध वोट 12 और खाली वोट 27 रहे।

सेंट्रल पैनल में महासचिव पद पर एबीवीपी उम्मीदवार राजेश्वर कांत दुबे को 436, वामपंथी उम्मीदवार (डीएसएफ) सुनील यादव को 416, बापसा से शोएब खान को 193, एनएसयूआई से प्रीति को 72 और एआईएसएफ से गोपी कृष्णन को 58 वोट मिले। 69 बोट नोटा को, 21 वोट अवैध और खाली वोट 21 रहे।

संयुक्त सचिव के पद पर वामपंथी उम्मीदवार (आइसा) दानिश अली को 540, एबीवीपी से अनुज डामरा को 365, सीआरजेडी उम्मीदवार रवि राज को 128 वोट, पीडीएसयू से मनमोहन को 111 एनएसयूआई से कुलदीप ओझा को 34 वोट मिले। नोटा को 76, अवैध बोट आठ और खाली वोट 18 रहे।

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