
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बुधवार को माता वैष्णो देवी के दर्शन मार्ग पर सामर प्वाइंट के पास भूस्खलन हो गया। राहत की बात यह रही कि इस दौरान कोई भी श्रद्धालु मौके पर मौजूद नहीं था, इसलिए किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
प्रशासन के अनुसार, लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए अधिकारियों के ठहरने की जगहों को एहतियातन खाली कराया गया है। मार्ग पर गिरे मलबे को हटाने का काम जारी
इस बीच, माता वैष्णो देवी यात्रा लगातार 9वें दिन भी निलंबित रही। कटड़ा स्थित आधार शिविर पूरी तरह से खाली नजर आ रहा है क्योंकि श्रद्धालु सुरक्षा के मद्देनजर वहां नहीं पहुंच रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मौसम सामान्य होते ही मार्ग को दोबारा खोलने के प्रयास किए जाएंगे।
त्रिकूट पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा बुधवार को नौवें दिन भी स्थगित रही, क्योंकि कटड़ा बेस कैंप में पिछले 24 घंटे में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो जम्मू क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश और पहले हुए भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग बंद है।
यात्रा 26 अगस्त से ही बंद है, जब अचानक हुई भूस्खलन में 34 श्रद्धालु मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए थे। हालांकि, यात्रा स्थगित रहने के बावजूद मंदिर में पुजारियों द्वारा दैनिक पूजा और अनुष्ठान जारी हैं।
इस बीच, कुछ श्रद्धालु जो कटड़ा पहुंच चुके हैं, वे ‘दर्शनी देोडी’ में ही माता के दर्शन कर रहे हैं, जो यात्रा मार्ग पर पहला दर्शन स्थल है। नागपुर से आए भक्त प्रमोद ने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले ही अपनी टिकट बुक करवा ली थी, लेकिन यात्रा स्थगित होने के कारण वे यहीं दर्शन कर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि वह निराश नहीं हैं और माता का आह्वान मिलने पर फिर से यात्रा करने आएंगे।
भारी बारिश के कारण नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ गया है, विशेषकर शहर से गुजरने वाली बांगंगा नदी में। अधिकारियों ने कहा कि जैसे ही मौसम सुधरेगा और 12 किलोमीटर लंबा यात्रा मार्ग साफ हो जाएगा, यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला लिया जाएगा।