
वैज्ञानिकों ने शरीर की कार्यप्रणाली को लेकर एक ऐसी महत्वपूर्ण खोज की है, जो भविष्य में मोटापे और भूख से जुड़ी समस्याओं को समझने का नजरिया बदल सकती है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने एक ऐसे प्रोटीन की पहचान की है, जिस पर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया था। यह प्रोटीन न केवल हमारी भूख को नियंत्रित करता है, बल्कि यह भी तय करता है कि हमारा शरीर ऊर्जा का उपयोग कैसे करेगा।
अकेले नहीं, ‘जोड़ी’ में काम करता है यह प्रोटीन
आमतौर पर माना जाता है कि शरीर के हर हिस्से के लिए एक विशिष्ट प्रोटीन जिम्मेदार होता है, लेकिन इस शोध ने एक नई बात सामने रखी है। पता चला है कि भूख को नियंत्रित करने वाला मुख्य प्रोटीन, जिसे ‘MC R’ (Melanocortin Receptor) कहा जाता है, वह अकेले काम नहीं कर सकता। इसे ठीक से काम करने के लिए एक ‘सहयोगी’ की जरूरत होती है। वैज्ञानिकों ने इस मददगार प्रोटीन की पहचान MRAP2 के रूप में की है।
वजन बढ़ना महज इत्तेफाक नहीं
हमारे शरीर में एक जटिल प्रणाली होती है जो यह तय करती है कि जो खाना हम खा रहे हैं, उससे मिलने वाली ऊर्जा का तुरंत उपयोग किया जाए या उसे भविष्य के लिए वसा के रूप में जमा कर लिया जाए। शोध के अनुसार, MC R प्रोटीन इस निर्णय में मुख्य भूमिका निभाता है। यदि MRAP2 प्रोटीन अपना समर्थन देना बंद कर दे, तो भूख के संकेत कमजोर पड़ सकते हैं और शरीर की ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली गड़बड़ा सकती है।
मोटापे के पीछे के आनुवंशिक कारणों की समझ
यह खोज वैज्ञानिकों को यह समझने में बड़ी मदद कर सकती है कि कुछ लोग आनुवंशिक रूप से मोटापे का शिकार क्यों होते हैं। पिछले अध्ययनों से यह पता चला था कि MRAP2 प्रोटीन एक अन्य संबंधित प्रोटीन MC4R की सक्रियता के लिए जरूरी है, जो सीधे तौर पर भूख से जुड़ा है। ताज़ा शोध ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है कि शरीर के वजन और चयापचय को संतुलित रखने में इन प्रोटीनों का तालमेल कितना अनिवार्य है।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के इस शोध ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भूख और ऊर्जा का नियंत्रण केवल इच्छाशक्ति का खेल नहीं है, बल्कि इसके पीछे सूक्ष्म प्रोटीनों का एक गहरा विज्ञान काम कर रहा है। यह जानकारी भविष्य में वजन प्रबंधन और मोटापे से जुड़ी बीमारियों के इलाज में नई राहें खोल सकती है।



