उपचार के दौरान घायल आशा कार्यकर्ता की मौत

बरेली में सड़क दुर्घटना में घायल फतेहगंज पूर्वी के कुंवरपुर दानपुर की आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी (36) की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जब उन्हें शव सौंपा गया तो गहने गायब थे। अस्पताल प्रबंधन से कोई जवाब नहीं मिलने पर सीएमओ से शिकायत की और साक्ष्य सौंपे। सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अंसारी को जांच सौंपी है। अस्पताल से सीसी फुटेज और इलाज के दस्तावेज तलब किए गए हैं।

सुनीता देवी के भतीजे राजीव कुमार ने बताया कि सोमवार को हादसे के वक्त वह अकेली थीं। निजी एंबुलेंस चालक उन्हें लेकर राजेंद्रनगर स्थित निजी अस्पताल ले गया। अस्पताल ने सुनीता देवी के पास मौजूद कागजात और मोबाइल फोन पर आई कॉल से परिजनों का नंबर जुटाकर कॉल की और उन्हें आईसीयू में भर्ती कर लिया। साक्ष्य के तौर पर भर्ती होने के दौरान के फोटो भी भेजे।

मंगलवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। राजीव का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने जब शव सौंपा तो शरीर पर कोई गहना नहीं था। स्टाफ से पूछताछ की तो उन्होंने जानकारी से इन्कार करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाने से भी मना कर दिया। परिजनों ने सीएमओ को कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। बताया कि अस्पताल की ओर से पहले जो फोटो भेजे गए थे, उसमें शरीर पर गहने साफ दिख रहे हैं।


कमीशन के खेल में राजेंद्रनगर पहुंची एंबुलेंस, कार्रवाई की मांग

राजीव के मुताबिक निजी एंबुलेंस चालक फतेहगंज पूर्वी से बरेली के राजेंद्रनगर तक 40 किमी का सफर तय कर पहुंचा। जबकि फरीदपुर से बरेली की ओर बढ़ने पर शाहजहांपुर रोड, पीलीभीत बाइपास पर कई बड़े अस्पताल हैं। आरोप है कि कमीशन के खेल की वजह से आशा कार्यकर्ता की जान दांव पर लगाकर एंबुलेंस राजेंद्रनगर के निजी अस्पताल पहुंची। परिजन ने प्रकरण की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अंसारी ने बताया कि सीएमओ के निर्देश पर जांच शुरू कर दी है। चंद्रकांति अस्पताल प्रबंधन से सीसी फुटेज और इलाज संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। बुधवार को अस्पताल पहुंचकर मौका मुआयना करने के साथ ही बयान दर्ज किए जाएंगे।

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